इतिहास के सामान्य ज्ञान के प्रश्न उत्तर - History General Knowledge |
इतिहास के सामान्य ज्ञान के प्रश्न उत्तर के बारे में जानकारी
प्रदान की गयी है जिसका उद्देश्य आपके ज्ञान को बढावा देना है |
इतिहास के सामान्य ज्ञान के प्रश्न उत्तर -
इस पोस्ट के माध्यम से इतिहास के सामान्य ज्ञान के प्रश्न उत्तर को दर्शाया गया है और यह पोस्ट हमारे ज्ञान और अनुभव के आधार पर प्रकाशित की गयी है |
इतिहास के सामान्य ज्ञान के प्रश्न उत्तर -
सिकंदर का जन्म कब हुआ था ?
विश्व विजेता सिकंदर का जन्म 356 ईसा पूर्व में हुआ था |
सिकंदर के पिता का नाम क्या था ?
सिकंदर के पिता का नाम फिलिप था |
सिकंदर के गुरु का नाम क्या था ?
सिकंदर के गुरु का नाम अरस्तु था
|
नन्द वंश का संस्थापक कौन था ?
नन्द वंश का संस्थापक महापद्मनंद था |
नन्द वंश का अंतिम शासक कौन था ?
नन्द वंश का अंतिम शासक घनानंद था |
शिशुनाग वंश का अंतिम शासक कौन था ?
शिशुनाग वंश का अंतिम शासक नंदिवर्धन था |
मौर्य साम्राज्य का संस्थापक कौन था ?
मौर्य साम्राज्य का संस्थापक चन्द्रगुप्त मौर्य था |
चन्द्रगुप्त मौर्य का जन्म कब हुआ था ?
चन्द्रगुप्त मौर्य का जन्म 345 ईसा पूर्व में हुआ था |
चन्द्रगुप्त मौर्य ने सेल्यूकस निकेटर को पराजित कब किया था ?
चन्द्रगुप्त मौर्य ने सेल्यूकस निकेटर को 305 ईसा पूर्व में पराजित
किया था |
मेगस्थनीज के द्वारा रचित पुस्तक कौन सी थी ?
मेगस्थनीज ने इंडिका नामक पुस्तक लिखी थी |
इतिहास के सामान्य ज्ञान के प्रश्न उत्तर - History General Knowledge |
मेगस्थनीज किस राजा के राज्य में भारत आया था ?
मेगस्थनीज मौर्य सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य के शासनकाल में भारत आया था
|
चन्द्रगुप्त मौर्य की म्रत्यु कब और कंहा हुई ?
चन्द्रगुप्त मौर्य की म्रत्यु 298 ईसा पूर्व में श्रवणबेलगोला नामक
स्थान पर उपवास के दौरान हुई थी |
चन्द्रगुप्त मौर्य का उतराधिकारी कौन था ?
चन्द्रगुप्त मौर्य का उतराधिकारी बिन्दुसार था |
जैन ग्रंथों के अनुसार बिन्दुसार का नाम है ?
जैन ग्रंथों के अनुसार बिन्दुसार को सिंहसेन कहा गया है |
बिन्दुसार मगध की राजगद्दी पर कब बैठा था ?
बिन्दुसार 298 ईसा पूर्व में मगध की राजगद्दी पर आसीन हुआ |
अमित्रघात के नाम से किसे जाना जाता है ?
अमित्रघात के नाम से बिन्दुसार को जाना जाता है | अमित्रघात का मतलब
शत्रु विनाशक होता है |
बिन्दुसार का उतराधिकारी कौन है ?
बिन्दुसार का उतराधिकारी अशोक है |
अशोक की माता का नाम क्या था ?
अशोक की माता का नाम शुभद्रांगी था |
सम्राट अशोक मगध की राजगद्दी पर कब बैठा था ?
सम्राट अशोक मगध की राजगद्दी पर 269 ईसा पूर्व में बैठा था |
मौर्य वंश का शासन कितने वर्षों तक का रहा ?
मौर्य वंश का शासन 137 वर्षो तक का रहा |
मौर्य वंश का अंतिम शासक कौन था ?
मौर्य वंश का अंतिम शासक ब्रह्द्रथ था |
ब्रह्द्रथ की हत्या किसने की थी ?
ब्रह्द्रथ की हत्या उसके एक सेनापति पुष्यमित्र शुंग ने 185 ईसा पूर्व
में की थी |
पुष्यमित्र शुंग किस जाति का था ?
पुष्यमित्र शुंग ब्राह्मण जाति का था |
गुप्त वंश का संस्थापक कौन था ?
गुप्त वंश का संस्थापक श्रीगुप्त था और उनका शासन काल 240 ईस्वी से
280 ईस्वी तक रहा है |
श्री गुप्त का उतराधिकारी कौन था ?
श्री गुप्त का उतराधिकारी घटोत्कच था, जिसने 280 ईस्वी से लेकर 320
ईस्वी तक शासन किया था |
गुप्त वंश का प्रथम महान सम्राट कौन था ?
गुप्त वंश का प्रथम महान सम्राट चन्द्रगुप्त प्रथम था, जिसका शासनकाल
320 ईस्वी से लेकर 335 ईस्वी तक का रहा |
गुप्त संवत की शुरुआत किसने की थी ?
गुप्त संवत की शुरुआत 319-320 में चन्द्रगुप्त प्रथम ने की थी |
चन्द्रगुप्त प्रथम का उतराधिकारी कौन था ?
चन्द्रगुप्त प्रथम का उतराधिकारी समुद्रगुप्त था और वह 335 ईस्वी में
राजगद्दी पर बैठा था |
भारत का नेपोलियन किसे कहा जाता है ?
भारत का नेपोलियन समुद्रगुप्त को कहा जाता है |
अश्वमेधकर्ता कि उपाधि किसने धारण की थी ?
अश्वमेधकर्ता की उपाधि समुद्रगुप्त ने धारण की थी |
चन्द्रगुप्त द्वितीय राजगद्दी पर कब बैठा ?
चन्द्रगुप्त द्वितीय राजगद्दी पर 380 ईस्वी में बैठा था और यह
समुद्रगुप्त का उतराधिकारी था |
चन्द्रगुप्त द्वितीय का उतराधिकारी कौन था ?
चन्द्रगुप्त द्वितीय का उतराधिकारी कुमारगुप्त प्रथम था जिसका एक और
नाम गोविन्द्गुप्त था | चन्द्रगुप्त द्वितीय का शासनकाल 415 ईस्वी से 454 ईस्वी तक
रहा |
कुमारगुप्त प्रथम का उतराधिकारी कौन था ?
कुमारगुप्त प्रथम का उतराधिकारी स्कंधगुप्त था और स्कंधगुप्त का
शासनकाल 455 ईस्वी से 467 ईस्वी तक का रहा है |
इतिहास के सामान्य ज्ञान के प्रश्न उत्तर - History General Knowledge |
नालन्दा विश्व विधालय की स्थापना किसने की थी ?
नालन्दा विश्व विधालय की स्थापना कुमार गुप्त ने की थी |
गुप्त काल का अंतिम शासक कौन था ?
गुप्त काल का अंतिम शासक विष्णु गुप्त था |
भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग किसे कहा जाता है ?
भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग गुप्त काल को कहा जाता है |
गुप्त काल के राजाओं की शासकीय भाषा कौन सी थी ?
गुप्त काल के राजाओं की शासकीय भाषा संस्कृत थी |
चन्द्रगुप्त द्वितीय के शासनकाल में संस्कृत भाषा के सबसे प्रसिद्ध
कवि कौन थे ?
चन्द्रगुप्त मौर्य के शासनकाल में संस्कृत भाषा के सबसे प्रसिद्ध कवी
कालिदास थे |
चन्द्रगुप्त द्वितीय के दरबार में कौन- कौन विद्वान हुए ?
चन्द्रगुप्त द्वितीय के दरबार में वराहमिहिर, धनवन्तरी, ब्रह्मगुप्त
आदि विद्वान हुए |
गुप्त काल में चाँदी के सिक्कों को क्या कहा जाता था ?
गुप्त काल में चाँदी के सिक्कों को रुप्यका कहा जाता था |
कुषाण वंश का संस्थापक कौन था ?
कुषाण वंश का संस्थापक कुजुल कडफिसेस था |
पुष्यभूति वंश का संस्थापक कौन था ?
पुष्यभूति वंश का संस्थापक पुष्यभूति था |
पुष्यभूति वंश की राजधानी कंहा पर थी ?
पुष्यभूति वंश की राजधानी थानेश्वर ( वर्तमान में हरियाणा राज्य के
कुरुक्षेत्र जिले के थानेश्वर नामक स्थान ) पर थी |
चीनी यात्री हेन्सांग किसके शासनकाल में भारत आया था ?
चीनी यात्री हेन्सांग सम्राट हर्षवर्धन के शासनकाल में भारत आया था |
सम्राट हर्षवर्धन का राजदरबारी कवि कौन था ?
सम्राट हर्षवर्धन का राजदरबारी कवि बाणभट्ट था, जिसकी प्रसिद्ध रचना
हर्षचरित और कादम्बरी है |
पल्लव वंश का संस्थापक कौन था ?
पल्लव वंश का संस्थापक सिंहविष्णु था और इसका कार्यकाल 575 ईस्वी से
लेकर 600 ईस्वी तक का रहा |
पल्लव वंश की राजधानी कहाँ पर थी ?
पल्लव वंश की राजधानी कांची ( वर्तमान तमिलनाडु में स्थित कांचीपुरम )
थी |
पल्लव वंश का अंतिम शासक कौन था ?
पल्लव वंश का अंतिम शासक अपराजितवर्मन था जिसका शासन 879 ईस्वी से 897
ईस्वी तक रहा |
मतविलास प्रहसन की रचना किसने की थी ?
मतविलास प्रहसन की रचना महेन्द्रवर्मन ने की थी |
धारावर्ष के नाम से किस राजा को जाना जाता है ?
धारावर्ष के नाम से राजा ध्रुव को जाना जाता है |
इतिहास
से सम्बंधित सामान्य ज्ञान -
राजस्थान की प्रमुख नदियों के नाम –
मध्य प्रदेश की प्रमुख नदियाँ –
मध्य प्रदेश के सामान्य ज्ञान –
मध्य प्रदेश के शहरों के नाम व उपनाम –
भारत के शहरों के नाम व उपनाम –
भारत के राज्य और केंद्र शासित प्रदेश –
इतिहास के सामान्य ज्ञान के प्रश्न उत्तर से सम्बंधित जानकारी हासिल
करने के लिये comment box में कमेंट जरुर
करें और वेबसाइट के होम पेज पर जाने के लिए दिये गये बटन पर क्लिक करें – Click Here