चिनाब नदी की जानकारी - चिनाब नदी परियोजना - Chenab river in hindi
चिनाब नदी की जानकारी - चिनाब नदी परियोजना - Chenab river in hindi |
चिनाब नदी भारत और
पाकिस्तान में बहने वाली एक प्रमुख नदी है और जल घनत्व के हिसाब से यह नदी हिमाचल
की सबसे बड़ी नदी है |
चिनाब नदी के बारे में जानकारी -
जम्मू कश्मीर से
बहती हुई पंजाब राज्य में प्रवेश करती है और यह एक महत्वपूर्ण नदी है | इस नदी का
पानी सिन्धु जल समझोते की शर्तों के द्वारा भारत और पाकिस्तान में साझा किया जाता
है |
चिनाब नदी का उद्गम स्थल –
इस नदी का उद्गम
स्थल हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति जिले के बारालाचा दर्रे के दक्षिण से चंद्रताल
झील से चंद्रा नदी निकलती है और उत्तर से सुरजताल झील से भागा नदी निकलती है और
आगे चलकर चंद्रा नदी और भागा नदी आपस में मिलती है और हिमाचल प्रदेश के लाहौल
स्पीति जिले के तांडी नामक स्थान में ये दोनों नदियाँ आपस में मिल जाती है और इन
दोनों के संगम से जो नदी बनती है उसे चिनाब नदी कहा जाता है |
chenab nadi की लम्बाई –
यह नदी अपने उद्गम
स्थल से 960 किलो मीटर का सफ़र तय करते हुए आगे चलकर सतलुज नदी में समाहित हो जाती
है और इसकी कुल लम्बाई 960 किलो मीटर है |
chenab nadi की सहायक नदियों के नाम –
इस नदी की अनेक
सहायक नदियाँ है जो इस प्रकार से है – मारसुन्दर नदी, रावी नदी, सोहल, भुटनाला
नदी, थिरोट, मुनावारवाली, मियार नाला, सैचर नाला, और झेलम नदी आदि इसकी सहायक
नदियाँ है |
चिनाब नदी के किनारे बसे शहर –
भारत देश में इस नदी
के किनारे अनेक शहर बसे है जो कि इस प्रकार है – थोरोट, पुर्थी, उदयपुर, रामबन,
पिंडारू, किल्लर, बन्दरकूट, अखनूर, डोडा आदि |
चिनाब नदी की विशेषता –
चिनाब नदी हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के संसारी नाला से
कश्मीर की पौडर घाटी में प्रवेश करती है और इस नदी के आसपास की जनजाति को स्वांगला
कहा जाता है |
चिनाब नदी की जानकारी - चिनाब नदी परियोजना - Chenab river in hindi |
यह नदी सिन्धु नदी की एक सहायक नदी भी है और भारत के अखनूर से पाकिस्तान के सियालकोट में प्रवेश करती
है |
कहा जाता है कि गुरु
वशिष्ठ की समाधि स्थल तांडी में इसी नदी के तट पर है और महाभारत से सम्बंधित
द्रोपदी का अंतिम संस्कार भी तांडी में हुआ था |
यह नदी हिमाचल
प्रदेश के लाहौल स्पीति और चंबा जिले में बहती है और जल घनत्व के हिसाब से हिमाचल
प्रदेश की सबसे बड़ी नदी है |
चिनाब नदी परियोजना –
इस नदी पर अनेक बांध
बने हुए है जिनका किसी निश्चित उद्देश्य के लिए निर्माण किया गया है |
हिमाचल प्रदेश परियोजना –
हिमाचल प्रदेश में
इस नदी पर चार जल परियोजना है जो कि इस प्रकार है |
छतरु परियोजना –
छतरु परियोजना
हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति जिले में स्थित है और यह चिनाब नदी पर स्थित है |
थिरोट परियोजना –
थिरोट परियोजना भी हिमाचल
प्रदेश के लाहौल स्पीति जिले में स्थित है और यह भी इस नदी पर स्थित है |
सेली परियोजना –
सेली परियोजना
हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में स्थित है |
राओली परियोजना –
राओली परियोजना भी
हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में स्थित है |
जम्मू कश्मीर परियोजना –
जम्मू कश्मीर में इस
नदी पर तीन परियोजना है जो इस प्रकार है –
बगलिहार बांध –
बगलिहार बांध जम्मू
कश्मीर के रामबन जिले में चिनाब नदी पर स्थित है और यह बांध हैड्रा
इलेक्ट्रिक पॉवर प्रोजेक्ट है |
दुल हस्ती परियोजना –
दुल हस्ती परियोजना
जम्मू कश्मीर के किसर्तबार जिले में स्थित है |
सलाल परियोजना –
सलाल परियोजना जम्मू
कश्मीर के उधमपुर जिले में स्थित है |
चिनाब नदी के अन्यनाम –
चिनाब नदी को अनेक
नाम से जाना जाता है -
हिमाचल प्रदेश के
लाहौल स्पीति जिले से चंद्रताल झील से चंद्रा नदी और सुरजताल झील से भागा नदी
निकलती और और आगे चलकर यह दोनों आपस में मिल जाती है जंहा इसे चंद्रभागा नदी कहा
जाता है |
चिनाब नदी की जानकारी - चिनाब नदी परियोजना - Chenab river in hindi |
चंद्रभागा के अलावा
इसे चंद्रा नदी, भागा नदी, इसकमति नदी, अस्किनी नदी और पंचनद भी कहा जाता है |
चिनाब नदी पर बने पुल –
भारत के जम्मू
कश्मीर राज्य के रियासी जिले में बक्कल और कौरी के बीच में रेलवे पुल बनाया जा रहा
है जो विश्व का सबसे ऊँचा रेल पुल है और इस पुल की ऊंचाई 359 मीटर है जो एफिल टावर
से भी ऊँचा है |
इसके अलावा chenab nadi पर और भी पुल बने है और यह इस प्रकार है –
चिनाब ब्रिज –
चिनिओत ब्रिज-
चुन्द ब्रिज -
चिनाब नदी का इतिहास –
इस नदी को प्राचीन
समय में भारतीय लोग “इसकमती” और “अश्किनी” नाम से जानते थे और यह एक महत्वपूर्ण
नदी है |
पौराणिक कथाओं के अनुसार chenab nadi –
प्राचीन कथाओं के
अनुसार इस नदी का काफी महत्व है और यह नदी एक विशेष नदी है इस नदी से सम्बंधित
अनेक प्रकार की कहानियां कही जाती है |
कहा जाता है कि सोनी
महिवाल और हीर-रांझा इसी नदी से सम्बंधित है और सोनी महिवाल भी इसी नदी से
सम्बंधित है जिनको आज प्रेम के लिए जाना जाता है |
कहा जाता है कि सोनी
और महिवाल का प्रेम इसी नदी के किनारे हुआ था और वे इसी नदी के किनारे मिलते थे,
जो अपने प्रेम के बल पर हमेशा के लिए आज अपना नाम अमर कर गये है |
chenab nadi का संगम –
चिनाब नदी बारालाचा दर्रे से निकलती है और आगे चलकर 960
किलो मीटर का सफ़र तय करते हुए यह नदी अलग – अलग स्थानों पर अलग अलग नाम से भी जानी
जाती है और आगे चलकर यह नदी सतलुज नदी में समाहित हो जाती है |
इस नदी के सतलुज नदी
में मिलने के बाद थोड़ी दूर जाकर सतलुज नदी भी पाकिस्तान के मिठानकोट में सिन्धु नदी में मिल जाती है | उसके बाद सिन्धु नदी भी अरब सागर में जाकर मिल जाती है
|
जिस स्थान पर सिन्धु नदी से सभी नदियाँ मिलती है उसे पंचनद कहा जाता है |
FAQs -
चिनाब नदी की कुल लम्बाई कितनी है ?
चिनाब नदी की कुल लम्बाई 960 किलोमीटर है |
चिनाब नदी का प्राचीन नाम क्या है ?
पुराने समय में लोग इस नदी को इसकमती और अश्किनी के नाम से जानते थे |
इन्हैं भी देखें -
व्यास नदी के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी