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रावी नदी के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी और जल प्रदुषण - ravi nadi

रावी नदी के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी और जल प्रदुषण - ravi  nadi

रावी नदी के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी और जल प्रदुषण - ravi  nadi
रावी नदी के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी और जल प्रदुषण - ravi  nadi

रावी नदी भारत के उत्तर-पश्चिम और पाकिस्तान के उत्तर-पूर्व में बहने वाली एक नदी है और इस नदी के जल का उपयोग अधिकतर सिंचाई के लिए किया जाता है |

 

    रावी नदी का उद्गम स्थल –

    इस नदी का उद्गम भारत के हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के रोहतांग दर्रे के पास से हुआ है |

     

    ravi nadi के अन्यनाम –

    इस नदी को रावी के अलावा भी अनेक नामों से जाना जाता है हिमाचल प्रदेश के स्थानीय लोग इसे “रोती नदी” कहते है, वैदिक काल में इसे “परुष्णी” कहा गया है, ग्रीक भाषा में इसे “हैद्रास्टर” या फिर “हैड्राट्स” कहा जाता है और संस्कृत भाषा में इसे “ईरावती” नाम से भी जाना जाता है |

     

    ravi nadi की लम्बाई और जलग्रहण क्षेत्र –

    इस नदी की कुल लम्बाई 725 किलो मीटर है और इस नदी का कुल जलग्रहण क्षेत्र 5451 वर्ग किलो मीटर है |

     

    ravi nadi की सहायक नदियों के नाम –

    इस नदी की सहायक नदियाँ बुद्धिल धारा नदी, बेरा स्युल नदी, साल नदी, छतरानी नदी, तुंडहान नदी, स्युल नदी, कुगति नदी, बैरा नदी, भादल नदी, तान्तगिरी नदी, साहो नदी, चिरचिंद नाला आदि है |

     

    रावी नदी किन-किन देशों में बहती है

    यह नदी दो देशों में बहने वाली एक नदी है जिनका नाम भारत और पाकिस्तान है |

     

    रावी नदी भारत के किन-किन राज्यों से होकर गुजरती है

    यह नदी भारत के तीन राज्यों से होकर गुजरती है जिनका नाम हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर और पंजाब है इसके बाद में यह नदी पाकिस्तान में प्रवेश करती है |

     

    रावी नदी की विशेषता –

    रावी नदी के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी और जल प्रदुषण - ravi  nadi
    रावी नदी के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी और जल प्रदुषण - ravi  nadi

    हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में मणिमहेश झील है, इस नदी से एक जल धारा निकलती है, जिसके बुद्धिल जलधारा कहा जाता है और यह जलधारा इस नदी में आकर मिलती है |

    यह नदी हिमाचल प्रदेश की पश्चिमी नदी है और यह नदी गुरुदासपुर और अमृतसर की सीमा बनाती है |

     

    रावी नदी किनारे बसे शहर –

    इस नदी के किनारे अनेक छोटे-बड़े शहर है जिनमें से कुछ प्रमुख शहर है –

    भारत के शहर –

    भरमौर, होली, सरोल, माधोपुर, चंबा आदि प्रमुख शहर है |

    पाकिस्तान के शहर –

    इस नदी के किनारे पाकिस्तान में लाहौर प्रमुख शहर है |

     

    रावी नदी पर बने बांध –

    रावी नदी पर अनेक छोटे बड़े शहर है जिसमें से चमेरा बांध, थीन बांध प्रमुख है |

     

    रावी नदी पर जल विधुत परियोजना –

    इस नदी अनेक जल विधुत परियोजना है जिनका नाम हडसर, भरमौर, हिब्रा, होली, चमेरा, मछेतरी और कुंठेर आदि है |

     

    रावी नदी का अपवाह तन्त्र –

    यह नदी हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले से निकलती है और फिर जम्मू कश्मीर में प्रवेश करती है, और यहाँ पर बहती हुई यह नदी आगे बढती है और फिर पंजाब में प्रवेश करती है |

    रावी नदी के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी और जल प्रदुषण - ravi  nadi
    रावी नदी के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी और जल प्रदुषण - ravi  nadi

    पंजाब राज्य में बहने के बाद यह नदी पाकिस्तान में प्रवेश करती है और वहां पर बहती है और फिर पाकिस्तान के झांग जिले की सीमा पर यह नदी चिनाब नदी में समाहित होती है |

     

    ravi nadi का संगम –

    यह नदी पाकिस्तान के झांग जिले के तिम्मु के पास में चिनाब नदी में समाहित हो जाती है और आगे चलकर यह नदी भी सतलुज नदी में समाहित हो जाती है |

     

    रावी नदी में जल प्रदुषण –

    इस नदी में पाकिस्तान के लाहौर में आसपास के इलाकों से प्रदुषण का स्तर काफी ज्यादा है, क्योंकि इस नदी में कृषि अपशिस्ट जल और कारखानों से निकलने वाले अपशिष्ट जल और गन्दी नालियों के कारण इस नदी में जल प्रदुषण का स्तर लगातार बद रहा है |

    सन 2006 में यूएनडीपी ने इन दोनों देशों के मुद्दे को संबोधित करने के लिये एक कार्यक्रम भी शुरू किया था |

     

    रावी नदी की संधि –

    सिन्धु जल संधि के तहत भारत और पाकिस्तान में इस नदी के जल को भारत को आबंटित किया जाता है | सन 1947 में भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के बाद में इस नदी के साथ-साथ और भी नदियों को सिन्धु जल संधि के अनुसार विभाजित किया गया |

    सन 1960 से पहले भारत और पाकिस्तान के बीच में पानी को लेकर विवाद उत्पन्न होते थे | सन 1960 में भारत के प्रधान मंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु ने सिन्धु जल संधि पर हस्ताक्षर किये और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खां ने भी हस्ताक्षर किये |

    इस संधि के अनुसार – भारत देश को रावी नदी का जल आबंटित किया जाए और इसकी पूर्वी नदियों (रावी नदी, व्यास नदी, और सतलुज नदी) पर भारत का नियंत्रण और पश्चिमी नदी (सिन्धु नदी, चिनाब नदी, और झेलमनदी) का नियंत्रण पाकिस्तान को दे दिया गया | 


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    FAQs  -

    रावी नदी को किन-किन नामों से जाना जाता है ? 

    रावी नदी को वैदिक काल में परुष्णी  नाम से जाना जाता था और संस्कृत भाषा में इसे इरावती नाम से जाना जाता है तथा स्थानीय लोग रावी नदी को रोती नदी भी कहते हैं | 


    रावी नदी किस नदी की सहायक नदी है ? 

    रावी नदी चिनाब नदी की सहायक नदी है | 


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