gulzarilal nanda |
gulzarilal nanda in hindi - इस पोस्ट के माध्यम से गुलजारीलाल नंदा के बारे में जानकारी प्रदान की गयी है
और यह पोस्ट हमारे ज्ञान और अनुभव के द्वारा प्रकाशित की गयी है |
गुलजारीलाल नंदा एक भारतीय राजनीतिज्ञ थे और
इन्होने दो बार भारत के प्रधानमंत्री के रूप में अपने दायित्य को संभाला और
अपने कार्य को पूरी निष्ठा और लगन से किया |
gulzarilal nanda ( गुलजारीलाल नंदा )
गुलजारीलाल नंदा को पंडित जवाहलाल नेहरु की म्रत्यु के बाद पहली बार भारत का प्रधानमंत्री बनाया गया और
लाल बहादुर शास्त्री की म्रत्यु के बाद एक बार फिर से भारत के प्रधान मंत्री बनाये गए,
दोनों बार जब तक कांग्रेस पार्टी ने एक नए नेता का चयन नहीं किया
तब तक ही इनका कार्यकाल एक सिमित समय तक रहा |
gulzarilal nanda birthday ( गुलजारीलाल नंदा का जन्म )
गुलजारीलाल नंदा का जन्म 04 जुलाई सन 1898 को सियालकोट में हुआ था,
जो कि वर्तमान में पाकिस्तान का हिस्सा है |
इनका जन्म सेन (नाई) परिवार में हुआ था,
इनके पिता का नाम बुलाकी राम नंदा और
इनकी माता का नाम श्रीमती ईश्वरदेवी
नंदा था |
Education of gulzarilal nanda ( गुलजारीलाल नंदा की शिक्षा )
नंदा जी ने अपनी प्राथमिक शिक्षा सियालकोट से से पूरी की और फिर
लाहौर के “फोरमैन क्रिश्चियन कॉलेज” में अध्ययन किया,
इसके बाद इलाहबाद विश्वविद्यालय से अध्ययन किया |
इन्होने कला संकाय से ही स्नातकोतर और
कानून की स्नातक की उपाधि
प्राप्त की |
marriage life ( गुलजारीलाल नंदा का विवाह )
सन 1916 में इनका विवाह 18 साल की उम्र में ही लक्ष्मी देवी के साथ हो गया था
और उनके दो पुत्र और एक पुत्री भी हुई |
gulzarilal nanda biography in hindi
career ( करियर की शुरुआत )
नंदा जी ने अपने जीवन को शुरू से ही देश के प्रति समर्पित कर दिया था और
उनका भारत के स्वाधीनता संग्राम में भी काफी योगदान रहा |
सन 1921 में उन्होंने असहयोग आन्दोलन में हिस्सा लिया और
उन्होंने
मुंबई के नेशनल कॉलेज में अर्थशास्त्र के व्याख्याता के रूप में सेवा भी प्रदान की
|
gulzarilal nanda biography in hindi
साथ ही अहमदाबाद की टेक्स्टटाइल इंडस्ट्री में लेबर एसोसीएशन भी रहे थे
जिसमें सन 1922 से लेकर 1946 तक उन्होंने इस पद पर अपना समय गुजारा था |
वे श्रमिकों की समस्या को लेकर हमेशा जागरूक रहते और
उनकी समस्या का
समाधान करने का प्रयास भी करते रहे |
gulzarilal nanda biography in hindi
सन 1932 में सत्याग्रह आन्दोलन के दौरान और 1942 -44 के भारत छोडो
आन्दोलन के दौरान उन्हें जेल भी जाना पड़ा |
gulzarilal nanda ka rajnitik jeevan (नंदा जी का राजनीतिक जीवन )
गुलजारीलाल नंदा सन 1937 से लेकर 1939 तक और 1947 से लेकर 1950 तक बॉम्बे विधानसभा में विधायक रहे और
इस दौरान ही उन्होंने श्रम और आवास मंत्रालय
का कार्यभार देखा था |
सन 1947 में “इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस” की स्थापना हुई,
जिसका श्रेय नंदा जी को जाता है और
उनकी प्रतिभा को देखते हुए कांग्रेस के आलाकमान
ने उन्हें दिल्ली बुला लिया |
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सन 1950-51, 1952-53 और 1960-63 तक वे भारत के योजना आयोग के उपाध्यक्ष रहे और
भारत की पंचवर्षीय योजना में पंडित जवाहरलाल नेहरु को इनका काफी
सहयोग रहा |
support to the central government ( केंद्र सरकार को सहयोग )
गुलजारीलाल नंदा केन्द्रीय मंत्रिमंडल में केबिनेट मंत्री भी रहे
और स्वतंत्र मंत्रालय का कार्य अपने हाथ में लिया |
सितम्बर 1951 से लेकर मई 1952 तक उन्होंने योजना मंत्रालय का कार्य
पूरी लगन और निष्ठा से किया और मई 1952 से लेकर जून 1955 तक उन्होंने योजना आयोग
और नदी घाटी परियोजना के कार्य को किया |
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अप्रैल 1957 से लेकर 1967 तक उन्होंने योजना, सिंचाई और उर्जा
मंत्रालय के कार्यो को देखा और मार्च 1963 से लेकर जनवरी 1964 तक उन्होंने श्रम
एवं रोजगार मंत्रालय का कार्य पूरी निष्ठा के साथ किया |
prime minister of india gulzarilal nanda ( एक प्रधानमंत्री के रूप में )
गुलजारीलाल नंदा ने दो बार एक प्रधानमंत्री के रूप में अपना
कार्यभार संभाला और अपना दायित्य पूरा किया | नंदा जी का पहला कार्यकाल पंडित
जवाहरलाल नेहरु की म्रत्यु के बाद 27 मई 1964 से लेकर 09 जून 1964 तक का रहा और
दूसरा कार्यकाल लाल बहादुर शास्त्री की म्रत्यु के बाद 11 जनवरी 1966 से लेकर 24
जनवरी 1966 तक का रहा |
नंदा जी का कार्यकाल एक निश्चित समय तक रहा, जब तक कि कांग्रेस पार्टी
अपनी नेता का चयन नहीं किया |
awards (पुरस्कार )
गुलजारीलाल नंदा को सन 1997 में देश का सर्वोच्च सम्मान भारत
रत्न से सम्मानित किया गया और उन्हें दूसरी बार सर्वश्रेष्ठ नागरिक सम्मान पद्म
विभूषण से सम्मानित किया गया |
gulzarilal nanda biography in hindi
gulzarilal nanda as a writer (एक लेखक के रूप में )
गुलजारीलाल नंदा एक बेहतरीन लेखक भी थे उन्होंने अपने जीवन में
अनेक पुस्तक की रचना भी की, जिनका नाम इस प्रकार से है – सम ओस्पेक्ट ऑफ खादी,
अप्रोच टू द सेकंड फाइव इयर प्लान, गुरु तेगबहादुर, संत एंड सेवियर, हिस्ट्री ऑफ एडजस्टमेंट
इन द अहमदाबाद टेक्सटाइल, सम बेसिक कंसीड्रेशन और फॉर ए मोरल रेवोल्यूशन |
gulzarilal nanda death ( निधन )
गुलजारीलाल नंदाका निधन 15 जनवरी 1998 को सौ वर्ष की उम्र में
हुआ और उनकी छवि हमेशा के लिये एक लोकप्रिय रहेगी |
वे एक अद्भुत प्रतिभा के धनी थे, उनमें अनेक प्रकार के कौशल समाहित थे
और उन्होंने हर क्षेत्र में अपने कार्य को पूरी ईमानदारी, लगन और निष्ठा के साथ
किया और इन्ही कार्यों की वजह से वे आज भी जाने जाते है और उनका नाम हमेशा के लिये
एक गाँधीवादी राजनेता के रूप में याद रखा जाएगा |
gulzarilal nanda biography in hindi
FAQs -
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