top ads

jawaharlal nehru biography - जवाहरलाल नेहरू का जीवन परिचय

jawaharlal nehru biography - जवाहरलाल नेहरू का जीवन परिचय
jawaharlal nehru biography - जवाहरलाल नेहरू का जीवन परिचय 



jawaharlal nehru biography - नमस्कार दोस्तों, कैसे है आप सभी,

उम्मीद करता हूँ कि आप सभी कुशल मंगल होंगे

 

जवाहरलाल नेहरु के जीवन में बारे में इस पोस्ट के माध्यम से जानकारी प्रदान की गयी है और 

यह पोस्ट हमारे ज्ञान और अनुभव के आधार पर प्रकाशित की गयी है तथा 

इस पोस्ट के माध्यम से हमारा उद्देश्य केवल pandit jawaharlal nehru के बारे में जानकारी प्रदान करना है |

 

अब अगर पंडित जवाहरलाल नेहरु के बारे में बात की जाये तो 

ये स्वतंत्रता से पहले भारत की राजनीती में एक केन्द्रीय व्यक्ति थे और 

वे भारत के प्रथम प्रधानमंत्री भी थे |

 

Jawaharlal Nehru

नेहरु जी बच्चों से बहुत अधिक प्रेम करते थे और बच्चे भी उनसे बहुत अधिक प्रेम करते थे, 

इसलिये आज भी उनके जन्म दिवस को बाल दिवस के रूप में आज भी मनाया जाता है एवं 

बच्चे उन्हें प्यार से चाचा नेहरु ( chacha Nehru ) कहते थे |

उनका जन्म एक ब्राहमण परिवार में हुआ था और उनके पिता कश्मीरी पंडित थे 

इसलिये उनका नाम “पंडित” पड़ा था |

 

पंडित जवाहरलाल नेहरु भारत के एक राजनीतिज्ञ थे और 

ये भारत के प्रथम प्रधानमंत्री भी रह चुके हैं और 

एक प्रधानमंत्री के रूप में इनका कार्यकाल 16 वर्ष तक का रहा |

 

नेहरु जी एक राजनेता होने के अलावा एक कुशल लेखक भी थे और 

जब भी इन्हे समय मिलता ये लिखते थे तथा 

इन्होने अपनी ज्यादातर पुस्तक जेल में लिखी थी |

 

jawaharlal nehru date of birth – ( जवाहरलाल नेहरु का जन्म )

अब अगर बात की जाए कि जवाहरलाल नेहरु का जन्म कब हुआ था तो 

इसके जवाब में कहा जा सकता है कि 

इनका जन्म 14 नवम्बर 1889 को भारत में इलाहाबाद में हुआ था और 

उस समय भारत पर अंग्रेजों का अधिकार था | 

उनकी माता का नाम स्वरूपरानी थुस्सू था और 

उनके पिता का नाम मोतीलाल नेहरु था |


उनका जन्म एक सास्वत कौल ब्राह्मण परिवार में हुआ था और 

उनका परिवार एक संपन्न परिवार था | 

इनके पिता की कुल तीन संतान थी, 

जिनमें से यह सबसे बड़े थे और उनकी दो छोटी बहन थी |


इनकी बड़ी बहन का नाम विजया लक्ष्मी था 

और उनकी छोटी बहन का नाम कृष्णा ह्ठीसींग था | 


उनकी बड़ी बहन संयुक्त राष्ट्र महासभा की प्रथम महिला अध्यक्ष बनी 

और उनकी छोटी बहन एक लेखिका बनी |

 

jawaharlal nehru education ( नेहरु जी की शिक्षा )

यदि कहा जाता है कि जवाहरलाल नेहरु ने कहाँ तक शिक्षा ग्रहण की थी तो इसका जवाब होगा कि 

उन्होंने बड़े-बड़े स्कुल और महाविद्यालयों से शिक्षा ग्रहण की थी | 


उन्होंने अपने स्कूल की शिक्षा हैरो से ग्रहण की और 

ट्रिनिटी कॉलेज, केम्ब्रिज लन्दन से उन्होंने अपनी कॉलेज की शिक्षा ग्रहण की और 

वंहा से उन्होंने लॉ की डीग्री प्राप्त की |

 

Early life ( करियर की शुरुआत )

अब अगर हम उनके शुरुआती जीवन पर नजर डालते है तो 

इसके लिए सन 1912 में वे अपने देश भारत आये 

और फिर यंहा पर उन्होंने वकालत शुरू कर दी | 

सन 1916 में उन्होंने कमला नेहरु से शादी की 

और सन 1917 में वे होम रुल लीग में शामिल हो गए |


सन 1919 में वे महात्मा गाँधी के संपर्क में आये और वहीँ से राजनीती के क्षेत्र में दीक्षा ली | 

उसके बाद से नेहरु ने पश्चिम कपड़ो का त्याग कर दिया और 

अब वे खादी कुर्ता और गाँधी टोपी पहनने लगे थे |


इसके बाद सन 1920-22 में उन्होंने असहयोग आन्दोलन में भी हिस्सा लिया, 

जिसके चलते उन्हें गिरफ्तार भी किया गया और फिर कुछ महीने के बाद उनको रिहा कर दिया |


सन 1924 में वे इलाहाबाद नगर निगम के अध्यक्ष चुने गए, 

जिसमें उन्होंने एक अधिकारी के तौर पर दो वर्ष तक सेवा दी और 

सन 1926 में सहयोग की कमी को देखते हुए अपने अध्यक्ष पद से त्यागपत्र दे दिया |


बाद में सन 1926 में वे अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव के रूप में नियुक्त किये गए 

और दो वर्षो तक उन्होंने अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव के तौर पर सेवा प्रदान की |


सन 1928-29 में मोतीलाल नेहरु की अध्यक्षता में कांग्रेस के का वार्षिक सत्र का आयोजन रखा गया 

और उस सत्र में जवाहरलाल नेहरु और सुभाष चन्द्र बोस ने पूरी राजनितिक स्वतंत्रता की मांग का समर्थन किया, 

लेकिन मोतीलाल नेहरु सहित अनेक नेताओं ने ब्रिटिश साम्राज्य के भीतर ही प्रभुत्व संपन्न राज्य का दर्जा पाने की मांग का समर्थन किया |


इस मुद्दे को हल करने के लिये महात्मा गाँधी ने एक रास्ता निकला और फिर 

उन्होंने कहा कि ब्रिटेन को भारत के राज्य का दर्जा देने के लिये दो वर्ष की अवधि दी जाए 

और अगर ऐसा नहीं किया गया तो फिर कांग्रेस राजनीतिक स्वतंत्रता के लिये संघर्ष करेगी |


पंडित जवाहरलाल नेहरु और सुभाष चन्द्र बोस ने प्रस्ताव रखा कि दो वर्ष की अवधि की जगह एक वर्ष की कर दी जाए, 

लेकिन ब्रिटिश सरकार के द्वारा कोई जवाब नहीं मिला |


दिसंबर सन 1929 में लाहौर में कांग्रेस का वार्षिक अधिवेशन आयोजित किया गया 

और इस अधिवेशन में pandit jawaharlal nehru कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष नियुक्त किये गए और 

इसी सत्र में एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें “पूर्ण स्वराज्य” की मांग की गयी |


26 जनवरी सन 1930 को pt jawaharlal nehru के द्वारा लाहौर में स्वतंत्र भारत का झंडा फहराया गया 

और इसी वर्ष महात्मा गाँधी ने सविनय अवज्ञा आन्दोलन का भी आह्वान किया | 


यह आन्दोलन एक सफल आन्दोलन रहा और 

इस आन्दोलन ने ब्रिटिश सरकार को राजनीतिक सुधार करने के लिये विवश कर दिया |


ब्रिटिश सरकार ने भारत अधिनियम 1935 प्रवर्तित किया तब कांग्रेस पार्टी ने भी चुनाव लड़ने के निर्णय लिया और 

देश के हर प्रान्त में सरकार का गठन किया और केंदीय  असेम्बली में भी सबसे अधिक सीट हासिल की | 

हालाँकि नेहरु जी इस चुनाव के बाहर रहे परन्तु उन्होंने पार्टी के लिये अभियान भी चलाये |


सन 1936-37 में जवाहरलाल नेहरु एक बार फिर से कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष चुने गए | 

सन 1942 में उन्होंने भारत छोडो आन्दोलन में भी हिस्सा लिया, 

जिसके चलते उन्हें गिरफ्तार भी किया गया 

और फिर सन 1945 में उन्हें रिहा भी कर दिया गया |


सन 1947 में भी नेहरु जी ने भारत और पाकिस्तान की आजादी के दौरान ब्रिटिश सरकार के साथ वार्ताओं पर अपनी भागीदारी निभाई |

स्वामी दयानंद सरस्वती के बारे में भी विस्तारपूर्वक पढ़ें

 

prime minister jawaharlal Nehru (प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में )

यदि हम भारत के प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में नेहरु जी का कार्यकाल देखते है तो इसका जवाब होगा कि सन 1947 में जब भारत देश आजाद हुआ तब प्रधानमंत्री के पद के लिये कांग्रेस पार्टी में मतदान हुआ, तब सरदार वल्लभभाई पटेल को सबसे ज्यादा वोट मिले और उसके बाद आचार्य कृपलानी को वोट मिले, लेकिन गांधीजी के कहने पर आचार्य कृपलानी और सरदार वल्लभभाई पटेल ने अपना नाम वापस ले लिया और फिर pandit jawaharlal nehru को भारत का प्रधानमंत्री बनाया गया |

सन 1947 में नेहरु जी स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने, उस समय भारत में कुल 565 रियासत थी जिनको अंग्रेजों ने एक साथ स्वतंत्र किया था, अब उस समय सबसे की सबसे बड़ी चुनौती यह थी, कि इस सभी रियासतों को एक साथ शामिल करके एक स्वतंत्र भारत की स्थापना की जाए और सभी रियासतों को एक झंडे के निचे लाया जाए |

इस चुनौती का उन्होंने समझदारी से सामना किया और भारत को आधुनिक भारत बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई | नेहरु जी ने विज्ञान और प्रोधोगिकी के विकास को भी प्रोत्साहित किया और उन्होंने लगातार तीन पंचवर्षीय योजना का भी शुभारंम्भ किया |

उन्होंने कृषि और उधोग को भी काफी महत्व दिया और भारत की विदेश निति के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई | नेहरु जी ने जोसिप बरोज टिटो और अब्दुल गमाल नासिर के साथ एशिया और अफ्रीका में उपनिवेशवाद को ख़त्म करने के लिये गुट निरपेक्ष आन्दोलन की रचना की |

नेहरु जी ने कोरियाई युद्ध का अंत किया, स्वेज नहर का विवाद सुलझाया और कांगो समझौते को मूर्तरूप दिया और अंतराष्ट्रीय समस्याओं के समाधान में भी उनकी काफी भूमिका रही | उन्होंने पश्चिम बर्लिन, आस्ट्रिया और लाओस के जैसे कई विस्फोटक मुद्दों का भी समाधान पर्दे के पीछे रहकर किया |

परन्तु नेहरु जी पाकिस्तान और चीन के साथ भारत के सम्बन्ध को सुधार नहीं पाए | नेहरु जी ने चीन की तरफ दोस्ती का हाथ भी बढ़ाया, किन्तु चीन ने 1962 में धोखे से भारत पर आक्रमण कर दिया और इस आक्रमण से नेहरु जी की एक बहुत ही बड़ा झटका लगा |

नेहरु जी ने एक प्रधानमंत्री के रूप में देश के विकास के लिये कृषि, विज्ञान आदि को बढावा भी दिया और उन्होंने समझदारी से अपने कार्यकाल को संभाला |

 

Bharat ratna ( भारत रत्न )

यदि कहा जाता है कि नेहरु जी को किन-किन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है तो इसके जवाब में कहा जा सकता है कि इनको सन 1955 में भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया |

 

jawaharlal nehru death (नेहरु जी की म्रत्यु )

27 मई 1964 को जवाहरलाल नेहरु को अचानक से दिल का दौरा पड़ा, जिसके कारण उनकी म्रत्यु हो गयी और वे हमेशा के लिये अलविदा हो गए |

 

Writers (लेखक और प्रकाशन के रूप में नेहरु जी )

pt jawaharlal nehru एक राजनितिक नेता होने के साथ-साथ एक बेहतरीन लेखक भी थे और उन्हें जब कभी भी समय मिलता तो वे पुस्तक भी लिखते थे | राजनीती के क्षेत्र में नेहरु जी लोकमान्य तिलक के बाद बेहतर लिखने वाले नेता के रूप में जाने जाते है, लेकिन दोनों के लेखन क्षेत्र अलग है और कुछ हद तक एक समान भी है |

pandit jawaharlal nehru ने अनेक महान ग्रंथो का अध्ययन भी किया और उन्होंने अपने जीवन में अधिकतर पुस्तक जेल में लिखी थी |

नेहरु जी ने अनेक पुस्तकों की रचना की थी जैसे विश्व इतिहस की झलक, भारत खोज, जवाहरलाल नेहरु वांग्मय, मेरी कहानी, राजनीती से दूर, राष्ट्रपिता, इतिहास के महापुरुष,पिता के पुत्र-पुत्री के नाम है |

 

jawaharlal nehru quotes (जवाहरलाल नेहरु के विचार )

नेहरु जी के विचार इस प्रकार है –

छोटे लोग और महान कार्य कभी भी एक साथ नहीं रह सकते हैं |

अज्ञानता हमेशा कुछ नया करने से डरती है |

हकीकत हमेशा हकीकत ही रहती है इसको नापसंद करने से यह गायब नहीं होती है |

जो व्यक्ति स्वयं को एक गुणी व्यक्ति दर्शाता है वह व्यक्ति सबसे कम गुणी व्यक्ति होता है |

लोगों के मष्तिष्क का सही आईना उनकी कला होती है |

एक सफल व्यक्ति हमेशा निडर रहता है और वह कभी भी परिणाम से घबराता नहीं है |

एक सच्ची नागरिकता देश की सेवा में  होती है |

इस प्रकार से नेहरु जी ने अपने जीवन के अनेक विचारों को प्रकट किया है |

राजाराम मोहनरॉय के बारे में भी पढ़े

 

FAQs 

पंडित जवाहरलाल नेहरु भारत के प्रधानमंत्री कब  बने ? 

जवाहरलाल नेहरु सन 1947 को भारत के प्रधानमंत्री बने थे | 


पंडित जवाहरलाल नेहरु के पिता का नाम क्या था  ? 

जवाहरलाल नेहरु के पिता का नाम मोतीलाल  नेहरु था |