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Godavari river in hindi । गोदावरी नदी का जीवन परिचय

Godavari river in hindi । गोदावरी नदी का जीवन परिचय


Godavari river in hindi । गोदावरी नदी का जीवन परिचय
Godavari river in hindi । गोदावरी नदी का जीवन परिचय 

गोदावरी नदी महाराष्ट्र की एक प्रमुख नदी है और यह एक पवित्र नदी है तथा कहा जाता है कि इस नदी में स्नान करने से मनुष्य के सारे पाप धूल जाते है।  


गोदावरी नदी का उद्गम स्थल - 

godavari nadi महाराष्ट्र के नासिक जिले से निकलती है और यह भारत की एक प्रमुख नदी है |  इसकी उत्पति नासिक जिले में त्रयम्बक पहाड़ी से हुई हैं और इस नदी को दक्षिण भारत की गंगा भी कहा जाता हैं। 



कहा गया है कि जब गोदावरी के पति के द्वारा गोदावरी का त्याग किया गया, तब ऋषि गौतम ने गोदावरी को अपने आश्रम में शरण दी।  गोदावरी का अर्थ है शरण देना।  त्रयम्बक की पहाड़ी पर गौतम ऋषि का आश्रम था और वहां पर वे तपस्या करते थे।

Godavari river in hindi । गोदावरी नदी का जीवन परिचय
Godavari river in hindi । गोदावरी नदी का जीवन परिचय


एक बार गोदावरी त्रयम्बक की पहाड़ी पर घोर तपस्या कर रही थी, तब भगवान शिव उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें वरदान दिया और इसी प्रकार गोदावरी ने नदी का रूप ले लिया।

ऐसा माना जाता है कि godavari nadi में स्नान करने से सारे पाप धुल जाते हैं।

godavari nadi की नामोत्पत्ति - 

इस नदी का नामकरण तेलुगु भाषा के गोद शब्द से हुआ है, जिसका अर्थ मर्यादा होता है | 
एक बार की बात है कि महर्षि गौतम ने घोर तपस्या की थी, जिससे रूद्र  प्रसन्न हो गए थे और फिर उन्होंने एक बाल से गंगा को प्रवाहित किया था तथा गंगाजल के स्पर्श  मात्र से एक मृत गाय जीवित हो गयी थी एवं इसी वजह से इस नदी का नाम गोदावरी पड़ा | 
गौतम ऋषि से सबंधित होने की वजह से इस नदी को गौतमी नदी भी कहा जाता है और इस नदी में स्नान करने से सारे पाप धूल जाते हैं | 

गोदावरी नदी की कुल लम्बाई  - 

godavari nadi की कुल लम्बाई 1465 किलोमीटर है।

गोदावरी नदी की गहराई -

इस नदी की औसत गहराई 17 फ़ीट एवं अधिकतम गहराई 62 फ़ीट हैं | 

गोदावरी नदी  के नाम - 

इस नदी को गोदावरी नदी के आलावा दक्षिण भारत की गंगा और वृद्ध गंगा भी कहा जाता है।  

गोदावरी नदी की मुख्य धारा -

इस नदी की सात मुख्य धाराएं मानी गयी है, जिनके नाम गौतमी, वशिष्ठा, कौशिकी, आत्रेयी, वृद्धगौतमी, तुल्या और भारद्वाजी है | 

गोदावरी नदी की सहायक नदी 

इंद्रावती नदी , प्राणहिता नदी , मंजीरा नदी , वेनगंगा नदी , पेनगंगा नदी , सबरी नदी , वर्धा नदी , और प्रवदा नदी  ये सभी godavari nadi की सहायक नदियां हैं।

वन्य जीव अभ्यारण्य - 

गोदावरी नदी के किनारे अनेक वन्य जीव अभ्यारण्य है, जिनके नाम इंद्रावती राष्ट्रिय उद्यान, पापिकोंडा वन्यजीव, कांगेर घाटी राष्ट्रिय उद्यान, इटारनगरम वन्य जीव अभ्यारण्य, कावल वन्यजीव अभ्यारण्य, किन्नरसानी वन्यजीव अभ्यारण्य, पोचारम वन और वन्यजीव अभ्यारण्य, प्राणहिता वन्यजीव अभ्यारण्य,  मंजीरा वन्यजीव अभ्यारण्य, पेंच राष्ट्रिय उद्यान, बोर वन्यजीव अभ्यारण्य, ताड़ोबा अंधारी बाघ परियोजना, नागजीरा वन्यजीव अभ्यारण्य, गोतला वन्यजीव अभ्यारण्य, टीपेश्वर वन्यजीव अभ्यारण्य, पैंगांग वन्यजीव अभ्यारण्य और नवेगाम राष्ट्रिय उद्यान हैं | 

godavari nadi का पौराणिक उल्लेख - 

महाभारत के वनपर्व में सप्तगोदावरी के नाम से इस नदी का वर्णन मिलता है | 
इसके अलावा श्रीमद भागवतगीता, ब्रह्मपुराण, विष्णुपुराण, महर्षि कालिदास के रघुवंश में और महाभारत के भीष्मपर्व में भी गोदावरी नदी का उल्लेख मिलता है | 

निष्कर्ष 

इस तरह से यह नदी अपने उद्गम स्थल से निकलने के बाद लगभग 1465 किलोमीटर का सफर तय करती हुई आगे चलकर बंगाल की खाड़ी में मिल जाती हैं।

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