जानिये चम्बल नदी के बारे में विस्तार से - chambal nadi
जानिये चम्बल नदी के बारे में विस्तार से - chambal nadi |
चम्बल नदी का उल्लेख महाभारत में भी मिलता है और महाकवि कालिदास के मेघदूत में भी इसी नदी का उल्लेख मिलता है।
चम्बल नदी का उद्गम स्थल -
chambal river का उद्गम मध्य प्रदेश के सबसे बड़े शहर इंदौर के पास महू के समीप जानापाव की पहाड़ी की सिंगार चोटी से हुआ है |चम्बल नदी का अपवाह क्षेत्र -
chambal nadi मध्य प्रदेश की सिंगार चोटी से बहती हुई धार रतलाम नागदा भिंड मुरैना और राजस्थान में कोटा और धौलपुर में बहती हुई आगे चलकर यमुना नदी में समाहित हो जाती है।
प्राचीन नाम -
चम्बल नदी का प्राचीन नाम चमरावती है |चम्बल नदी की लम्बाई -
इस नदी की कुल लम्बाई लगभग 995 किलोमीटर है।
चंबल नदी पर स्थित बांध -
इस नदी पर चार बांध स्थित है।- गाँधी सागर बांध
- राणा सागर बांध
- जवाहर सागर बांध और
- कोटा बैराज।
चंबल नदी की सहायक नदियों के नाम -
क्षिप्रा नदी, बनास नदी, कालीसिंध नदी, मेज नदी, परवन नदी, ब्राह्मणी नदी, छोटी कालीसिंध नदी, पार्वती नदी, और बामनी नदी ये सभी chambal nadi की सहायक नदियाँ है।संगम -
जानापाव की पहाड़ी से निकलने के बाद chambal nadi मध्य प्रदेश और राजस्थान में बहती हुई लगभग 995 किलोमीटर का सफर तय करती हुई यमुना नदी में समाहित हो जाती हैं।सम्बंधित पोस्ट →
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