यमुना नदी का जीवन परिचय |
यमुना नदी के जीवन के बारे में विस्तार से जानकारी प्रधान की गयी है कि किस प्रकार से यमुना ने अपने जीवन का सफ़र तय किया है |
यमुना नदी ( yamuna nadi in hindi ) –
इस पोस्ट के माध्यम से यमुना नदी के बारे में जानकारी प्रदान
की जा रही है और यह पोस्ट हमारे ज्ञान और अनुभव के आधार पर प्रकाशित की गयी है
हमारा उद्देश्य समाज में रहने वाले लोगों के ज्ञान को बढावा देना है |
यमुना नदी के बारे में |
यमुना नदी एक सामान्य लड़की से किस प्रकार एक नदी का रूप ले
लेती है और किस प्रकार से यमुना ने अपने जीवन को व्यतीत किया है |
यमुना नदी का उद्गम –
yamuna nadi का उद्गम समुद्र तल से 6316 मीटर की ऊंचाई पर टिहरी
गडवाल जिले के बंदरपूंछ के ढाल पर स्थित यमुनोत्री हिमानी से हुआ है | यमुनोत्री
हिमानी से यमुना अपना सफ़र तय करती है और एक नदी के रूप में लगातार बहने वाली एक
पवित्र नदी का रूप ले लेती है |
यमुना नदी की लम्बाई –
यमुना नदी, गंगा नदी की सबसे लम्बी नदी और दूसरी सबसे बड़ी
सहायक नदी है और यमुना नदी की कुल लम्बाई 1376 किलो मीटर है |
यमुना नदी के अन्य नाम –
आमतौर पर यमुना नदी के अनेक नाम है और यमुना नदी को
अलग-अलग क्षेत्र में अलग अलग नाम से भी जाना जाता है |
यमुना नदी के नाम |
यमुना नदी को जमुना नदी कहा जाता है और इसे सुमेरु
भी कहा जाता है |
यमुना नदी के एक भाग के नाम कलिन्द होने के कारण यमुना
नदी को कलिदंजा और कालिंदी भी कहा जाता है |
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार – यमुना नदी सूर्य और छाया की
पुत्री है और म्रत्यु के देवता यम की बहन है इसलिये यमुना नदी को यामी
नदी भी कहा जाता है |
यमुना नदी के किनारे बसे शहर –
यमुना नदी के किनारे अनेक शहर बसे हुए है और इस नदी के कारण
अनेक शहरों में एक अलग ही रोनक है और उनकी एक अलग ही पहचान है | मथुरा शहर, नोएडा
शहर, हमीरपुर, इलाहाबाद, बागपत, दिल्ली, इटावा, कालपी, और आगरा शहर आदि शहर यमुना
नदी के किनारे पर स्थित है |
यमुना नदी की सहायक नदियों के नाम –
यमुना नदी की अनेक सहायक नदियाँ है जैसे कि – टोंस नदी, बेतवा नदी,
चम्बल नदी, केन नदी, सिंध नदी, हिंडन नदी, शारदा नदी, कुन्ता नदी, गिरी नदी,
ऋषिगंगा नदी और हनुमान गंगा नदी |
यमुना नदी की सहायक नदियों में से सबसे बड़ी सहायक नदी टोंस नदी है |
यमुना नदी पर बने बांध –
यमुना नदी पर लखवाडा परियोजना स्थित है और यह बांध उतराखंड के
देहरादून जिले के लोहारी गाँव के पास यमुना नदी पर बन रहा है और यह बांध 204 मीटर
ऊँचा क्रांक्रीट का बना हुआ बांध है |
यमुना नदी का महत्व –
यमुना नदी का महत्व
हमारे भारत देश की एक एतिहासिक धरोहर के रूप में है यमुना नदी का एक अलग ही महत्व
है |
यमुना नदी के जल से
अनेक छोटे बड़े शहरों में जल की व्यवस्था हो रही है जिसके चलते अनेक शहरों के लोगो
को पिने के पानी की व्यवस्था है |
यमुना नदी के जल से
आसपास के क्षेत्रों के खेतों की सिंचाई की जा रही है जिसके चलते किसान अपनी फसल को
आसानी से सिंचाई कर सकते है | यमुना नदी में अनेक नहर है जिसके द्वारा भी खेतों की
सिंचाई की जा रही है |
धार्मिक क्षेत्र में यमुना नदी का महत्व -
यमुना नदी का
धार्मिक महत्व काफी है यमुना नदी के किनारे अनेक शहर बसे हुए है और इस नदी के जल
से अनेक साधू संत प्रतिदिन स्नान करते है | यह नदी एक पवित्र नदी मानी जाती है कहा
जाता है कि इस नदी में स्नान करने से पाप धुल जाते है |
यमुना नदी के जल से
मंदिरों में भगवान को स्नान कराया जाता है और उनके जल से भोजन की तैयारी की जाती
है | ब्रज निवासी यमुना नदी को नदी न
मानकर साक्षात देवी माता मानते है | साथ ही प्रतिदिन माँ यमुना की आरती होती है और
असंख्य श्रद्धालु आरती में सम्मिलित होते है और माँ यमुना की पूजा में
सम्मिलित होने का सोभाग्य प्राप्त करते है
|
अनेक श्रद्धालु
यमुना नदी के तट पर दीप जलाते है और मनोकामनाएँ
मांगते है और फिर अपनी मनोकामना पूरी होने पर अनेक साड़ियों को जोड़कर माँ
यमुना को चुनर चढाते है |
इन्हें भी देखें - गंगा नदी के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करें |
पौराणिक कथाओं के अनुसार –
यमुना नदी का जन्म –
द्वापरयुग की बात है कि एक बार भगवान श्री कृष्ण और अर्जुन दोनों जंगल
में घुमने के लिये निकल गये और जंगल में टहलते रहे और यमुना तट पर एक वृक्ष के
नीचे भगवान श्री कृष्ण और अर्जुन दोनों विश्राम के बैठ गये |
कुछ देर बाद अर्जुन ने देखा कि भगवान श्री कृष्ण ध्यान में मग्न थे,
तब वे वंहा से उठकर यमुना के तट पर चले गये और अर्जुन के देखा कि यमुना नदी के
अन्दर एक स्वर्ण और रत्नों से सुसज्जित स्त्री तप कर रही है |
यमुना नदी का महत्व |
जब अर्जुन ने पूछा कि वह कौन है और आपका नाम क्या है तब उस स्त्री ने
अपना परिचय देते हुए कहा कि वह सूर्य पुत्री कालिंदी है और वह भगवान श्री कृष्ण को
प्राप्त करने के लिए तप कर रही है | कुछ देर बाद अर्जुन वंहा से चले जाते है और इस
बात की जानकारी अर्जुन ने भगवान श्री कृष्ण को दी |
फिर भगवान श्री कृष्ण और अर्जुन यमुना नदी के तट पर आये और भगवान श्री
कृष्ण को अपने दर्शन दिये और फिर कृष्ण ने सूर्य देवता के सामने विवाह का प्रस्ताव
रखा, तब सूर्य देवता ने भगवान श्री कृष्ण और कालिंदी का विवाह प्रस्ताव स्वीकार कर
लिया और फिर सूर्य देवता ने कालिंदी ( यमुना ) और भगवान श्री कृष्ण का विवाह कर
दिया और इस प्रकार से यमुना भगवान श्री कृष्ण की पटरानी बन गयी |
मार्कंडेय पुराण के अनुसार –
गंगा और यमुना सगी बहन है जिस प्रकार से गंगा नदी का उद्गम गंगोत्री
के गोमुख से हुआ है ठीक उसी प्रकार यमुना नदी का उद्गम यमुनोत्री के कलिन्द्गिरी
से हुआ है |
कहा जाता है कि – जब हम गंगा नदी में स्नान करते है या फिर यात्रा
करते है तो जब तक यमुना नदी के जल से स्नान ना किया जाये तब तक यात्रा अधूरी मानी
जाती है |
गोदावरी नदी के बारे में विस्तार से जानकारी –
ब्रजधाम की आराध्या है यमुना नदी –
भगवान श्री कृष्ण की प्रिया ब्रजमंडल की आराध्या है | यमुना जी का
वाहन कछुआ है | ब्रजवासी यमुना को नदी नहीं मानते है, बल्कि साक्षात् देवी मानते
है |
मथुरा के विश्राम घाट और वृन्दावन के केशी घाट पर माता यमुना की हर
रोज आरती होती है और इस आरती में असंख्य श्रद्धालु भाग लेते है और माँ यमुना की
आरती में शामिल होने का लुप्त उठाते है |
ब्रज धाम में आने वाला हर एक व्यक्ति माँ यमुना के तट पर दीप दान करते
है और अपनी मनोकामना पूरी होने पर वे अनेक साड़ियों को जोड़कर यमुना माता को चुनरी
चढाते है |
ब्रज मंडल में भगवान श्री कृष्ण का स्नान माँ यमुना के जल से होती है
और उनके भोग की तैयारी भी माँ यमुना के जल से की जाती है |
श्री नाथ जी का श्री विग्रह भले ही ब्रज से मेवाड़ पंहुच गया हो परन्तु
आज भी उनकी सेवा में यमुना नदी के जल का प्रयोग किया जाता है | आज भी मथुरा से यमुना नदी के जल को
सुरक्षित पात्र में भरकर श्री नाथद्वारा में भेजा जाता है |
चम्बल नदी के बारे में विस्तार से जानकारी –
polluted river यमुना -
यमुना नदी गंगा नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है और यह नदी एक पवित्र नदी मानी जाती है और अगर river pollution की बात की जाए तो यमुना नदी विश्व की सबसे बड़ी polluted river में शामिल है |
कुल मिलाकर –
यमुना नदी यमुनोत्री के कलिन्द्गिरी से निकलती है और आगे चलकर प्रयाग
में गंगा नदी में समाहित हो जाता है | कहा जाता है कि गंगा नदी, यमुना नदी और
सरस्वती नदी तीनों नदियाँ भारत की बड़ी नदी है और पवित्र नदी भी है |
मान्यता है कि इन नदी में स्नान करने से सारे पाप धुल जाते है और जब
हम गंगा नदी में स्नान करते है तब हमें यमुना में स्नान करना जरुरी होता है नहीं
तो हमारी यात्रा अधूरी मानी जाती है |
सिन्धु नदी के बारे में विस्तार से जानकारी -
FAQs -
यमुना नदी कहाँ पर है ?
यमुना नदी भारत में बहती है और यह एक पवित्र नदी है | लोग दूर-दूर से इस नदी में स्नान करने के लिए आते है तथा यह नदी गंगा नदी की एक सहायक नदी है | यह नदी प्रयागराज में गंगा नदी में मिल जाती है और इसके थोड़ी ही दुरी पर सरस्वती नदी भी गंगा नदी में मिल जाती है |
मथुरा शहर किस नदी के किनारे बसा हुआ है ?
मथुरा शहर यमुना नदी के तट पर बसा हुआ है और लोग यहाँ पर दूर-दूर से आते है तथा यमुना नदी में स्नान भी करते है |