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raksha bandhan 2021 : रक्षाबंधन कब, क्यों और कैसे मनाया जाता है ?

raksha bandhan 2021 : रक्षाबंधन कब, क्यों और कैसे मनाया जाता है ?
raksha bandhan 2021 : रक्षाबंधन कब, क्यों और कैसे मनाया जाता है ? 


Raksha bandhan 2021 नमस्कार दोस्तों स्वागत है आप सभी का हमारी वेबसाइट में और आज हम अपने ब्लॉग के माध्यम से रक्षाबंधन के बारे में जानकारी प्रदान कर रहे है, जिसमें इस पोस्ट के माध्यम से आपको rakshabandhan के त्यौहार के बारे में विशेष जानकारी ( raksha bandhan information ) प्रदान की जा रही है |

 

हमारी भारतीय संस्कृति में रक्षाबंधन का काफी महत्त्व होता है और इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है और फिर भाई अपनी बहन की जीवनभर रक्षा करने का वचन भी देता है |

 

भारतीय परंपरा के अनुसार happy rakshabandhan का त्यौहार सदियों से मनाया जा रहा है और इस त्यौहार को हिन्दू और जैन धर्म के लोग सदियों से मनाते आ रहे हैं और इस त्यौहार के दिन घर में अनेक प्रकार की raksha bandhan sweets और पकवान बनाये जाते है तथा घर परिवार से सभी लोग इस त्यौहार में जमकर हिस्सा लेते है और फिर सभी ख़ुशी-ख़ुशी इस त्यौहार का आनंद लेते है |


भारतीय धर्म संस्कृति के अनुसार रक्षाबंधन के त्यौहार को श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है और लोग हर साल इस श्रावण माह की पूर्णिमा के दिन raksha bandhan raksha bandhan का आनंद उठाते है |

Raksha bandhan 2021

 

रक्षाबंधन का त्यौहार भाई और बहन को स्नेह की डोर में बांधता है और इस दिन बहन अपने भाई के मस्तक पर टीका लगाकर रक्षा का एक बंधन बांधती है, जिसे राखी कहा जाता है |

 

rakshabandhan ke त्यौहार को सावन महीने में मनाये जाने की वजह से इस त्यौहार को सावनी या फिर सलूनो भी कहा जाता है और राखी एवं रक्षासूत्र का सबसे ज्यादा महत्व होता है | राखी अनेक तरह की होती है, जैसे की कच्चे सूत, रंगीन कलावे, धागे की, सोने या चाँदी जैसी महँगी राखी भी हो सकती है |



    रक्षाबंधन क्या है what is raksha bandhan 

    2021 raksha bandhan भाई बहन के रिश्ते का एक प्रसिद्ध त्यौहार होता है, जिसका अर्थ सुरक्षा और बंधन होता है और इस त्यौहार के दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बंधती है और फिर अपने भाई की तरक्की के लिए बहन भगवान से प्रार्थना करती है |

     

    meaning of raksha bandhan

    आमतौर पर बहने ही अपने भाई को राखी बंधती है, लेकिन ब्राह्मणों, गुरु और परिवार में सबसे छोटी लड़कियों के द्वारा सम्मानित सदस्यों को राखी बाँधी जाती है, जैसे की एक पुत्री द्वारा अपने पिता को राखी बांधना |

     

    रक्षाबंधन के अवसर पर बाजार में अनेक तरह के उपहार बिकते है और उपहार एवं नए कपड़ें खरीदने के लिए बाजार में सुबह से लेकर शाम तक भीड़ लगी रहती है और लोग बाजार से अनेक तरह की वस्तुएं बाजार से खरीदते है |

     

    रक्षाबंधन के सुअवसर पर भाई अपनी बहन के लिए कपडे, गहने, मिठाइयाँ जैसे अनेक छोटी बड़ी वस्तुएं उपहार में देने के लिए खरीदते है और बहन भी अपने भाई के लिए राखी और मिठाई जैसी अनेक वस्तुएं खरीदती है |

     

    रक्षाबंधन एक त्यौहार है जो भाई बहाने के रिश्ते को मजबूत करता है और यह त्यौहार हर साल मनाया जाता है तथा रक्षा बंधन शब्द दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है रक्षा और बंधन, जिसका अर्थ होता है की एक ऐसा बंधन जिसमें भाई के द्वारा बहन की रक्षा करने का संकल्प लेना |

     

    raksha bandhan meaning

    रक्षा का मतलब होता है कि बहन की रक्षा का वचन लेना और बंधन का मतलब यहाँ पर धागे से लिया गया है, जिसके अनुसार भाई के द्वारा बहन की रक्षा करना होता है |

     

    रक्षा बंधन केवल सगे भाई बहन के लिए ही नहीं, बल्कि अपने आसपास के क्षेत्र में या फिर हर एक बहन और भाई का त्यौहार है और इस त्यौहार के द्वारा भाई बहन के रिश्ते मजबूत होते है और यह त्यौहार भाई बहन के प्रेम का प्रतिक है |

    about raksha bandhan

     

    rakshabandhan ka त्यौहार एक तरह से भाई बहन का त्यौहार है और यह एक ऐसा त्यौहार है, जो भाई बहन के स्नेह, प्रेम को मजबूत बनाता है एवं इस दिन परिवार के सभी सदस्य एक हो जाते है और फिर घर के सभी सदस्य मिठाई और उपहार देकर अपने स्नेह साझा करते है तथा घर में अनेक तरह के पकवान बनाये जाते है और फिर घर के सभी लोग एक साथ प्रेमपूर्वक त्यौहार का आनंद लेते है |


    रक्षाबंधन का त्यौहार कैसे मनाया जाता है how to celebrate raksha bandhan

    रक्षाबंधन के दिन लडकियां और महिलायें प्रातःकाल स्नान करके पूजा की थाल को सजाती है और थाल में राखी के साथ रोली, हल्दी, चावल,मिठाई, दीपक और कुछ पैसे रखे होते है तथा पुरुष और लड़के स्नान करके तैयार होकर टीका करवाने के लिए उपयुक्त स्थान पर बैठते है |


    अब सबसे पहले अभीष्ट देवता की पूजा की जाती है और इसके बाद रोली या हल्दी या फिर कुमकुम से भाई का टीका करके चावल को टिके पर लगाया जाता है और फिर चावल को उसके सर पर भी छिड़का जाता है | 


    raksha bandhan 2021 : रक्षाबंधन कब, क्यों और कैसे मनाया जाता है ?
    raksha bandhan 2021 : रक्षाबंधन कब, क्यों और कैसे मनाया जाता है ? 

    अब इसके बाद बहन अपने भाई की आरती उतारती है और बहन अपने भाई की दाहिनी कलाई पर राखी बांधती है और फिर बहन अपने भाई को पैसों से न्यौछावर करके बाँट देती है |

     

    अब इसके बाद भाई अपनी बहन को उपहार देता है और इसके बाद भोजन करते हैं और इस तरह से भारत देश में भाई बहन रक्षाबंधन के त्यौहार को मनाते है | 


    2021 में रक्षाबंधन कब है when is raksha bandhan

    अब अगर बात की जाये कि सन 2021 में रक्षाबंधन कब है, तो इसका जवाब होगा कि इस साल रक्षाबंधन का त्यौहार 22 अगस्त सन 2021 को है, जो कि रविवार के दिन है |

     

    रक्षाबंधन शुभ मुहूर्त क्या है

    अब अगर रक्षाबंधन के शुभ मुहूर्त की बात की जाए तो इस दिन राखी  बांधने के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 6:15 बजे से लेकर 7:40 बजे तक का है, जिसकी अवधि 13 घंटे 25 मिनट है |


    रक्षा बंधन क्यों मनाते है why celebrate raksha bandhan

    rakshabandhan ka त्यौहार हर साल मनाया जाता है और हर साल बहन भाई को राखी बांधती है और रक्षा बंधन मनाने से भाई बहन के रिश्तों में भी प्रेम बढ़ता है |

     

    rakhi raksha bandhan के दिन बहन अपने भाई को राखी बांधती है और अपने भाई की लम्बी उम्र की कामना करती है और कहा जाता है कि राखी का धागा घी की मदद करता है और उस धागे में बहन का स्नेह समाहित रहता है |

     

    भाई भी भगवान से अपनी बहन की लम्बी उम्र की कामना करता है और रक्षा बंधन के दिन भाई बहन को raksha bandhan gifts भी देता है, साथ ही यह संकल्प भी लेता है कि वह हर परिस्थिति में अपनी बहन की रक्षा करेंगा | 


    रक्षाबंधन की शुरुआत कैसे हुई How Raksha Bandhan started

    अब अगर बात की जाये कि rakshabandhan ki शुरुआत कैसे हुई तो इससे अनेक तरह की पौराणिक कथाएं जुडी हुई है, जिनके द्वारा हमें ज्ञात होता है कि रक्षाबंधन का इतिहास क्या है |


    प्राचीन मान्यताओं के अनुसार –

    अब अगर रक्षा बंधन के शुरुआत की बात की जाए तो इस त्यौहार के बारे में अनेक तरह की कहानियां प्रचलित है, जो कि इस तरह से है | 

     

    राजा बलि और माता लक्ष्मी की कथा –

    विष्णु पुराण और भगवत पुराण से हमें यह ज्ञात होता है कि एक बार जब भगवान विष्णु जब राजा बलि के यहाँ गए और जब राजा बलि को तीन पैर भूमि की बात पर हरा दिया, तब राजा बलि ने भगवान विष्णु से अनुरोध किया की वे उनके महल में ही रहे और भगवान विष्णु ने राजा बलि के अनुरोध को स्वीकार कर लिया, हालाँकि माता लक्ष्मी को भगवान विष्णु और बलि की मित्रता अच्छी नहीं लगी और फिर माता लक्ष्मी ने जाकर बलि को रक्षा धागा बाँधकर भाई बनाया |

    अब बलि ने लक्ष्मी से मनचाहा उपहार मांगने के लिए कहा तो लक्ष्मी माता ने कहा कि आप भगवान विष्णु को वचनों से मुक्त कीजिये और बलि ने लक्ष्मी माता की बात को स्वीकार किया और फिर भगवान विष्णु को वचनों से मुक्त कर दिया |

    raksha bandhan in 2021

     

    संतोषी माता की कथा के अनुसार

    भगवान विष्णु के दो पुत्र हुए, जिनके नाम शुभ और लाभ है और इन दोनों भाइयों को हमेशा ही एक बहन की कमी महसूस होती थी, क्योंकि ये दोनों भाई बहन के बिना रक्षाबंधन नहीं मना सकते थे |

    अब इन दोनों भाइयों ने मिलकर भगवान गणेश से एक बहन की मांग की तथा देवर्षि नारद ने भी इस विषय में गणेश के चर्चा की थी और फिर भगवान गणेश राजी हुए और फिर उन्होंने एक पुत्री की कामना की थी |

    भगवान गणेश की दो पत्नियां रिद्धि और सिद्धि की दिव्य ज्योति से संतोषी माता का अविर्भाव हुआ और फिर इसके बाद शुभ लाभ ने संतोषी माता के साथ रक्षाबंधन मनाया |

     

    महाभारत के अनुसार

    एक समय की बात है कि जब भगवान कृष्ण और शिशुपाल के बीच में युद्ध चल रहा था, तब अचानक से भगवान श्रीकृष्ण की ऊँगली में चोट आ जाती है, तब द्रोपदी ने अपनी साडी में से पल्लू निकालकर भगवान श्री कृष्ण के हाथों में बांध दिया |

     

    इसके बाद भगवान श्री कृष्ण और द्रोपदी में भाई बहन का स्नेह जग गया और फिर भगवान श्री कृष्णा ने द्रोपदी को वचन दिया था, कि वह जीवनभर द्रोपदी की रक्षा करेंगे |

     

    कुछ समय के बाद जब युधिष्ठिर जुए में अपना सब कुछ हार जाते है, तब वे द्रोपदी को भी दाव पर लगा देते हैं और फिर जब द्रोपदी का वस्त्र हरण हो रहा था, ठीक उसी समय भगवान श्री कृष्णा ने आकर द्रोपदी की रक्षा की थी |

     

    यम और यमुना की कथा

    कहा जाता है कि मृत्युलोक के देवता यम जब 12 साल तक अपनी बहन यमुना से मिलने नहीं  गए थे, तो यमुना बहुत ही दुखी हुई और उन्होंने इस बारे में माँ गंगा से चर्चा की और फिर माँ गंगा ने इस सुचना को यम तक पंहुचाया की यमुना आपकी प्रतीक्षा कर रही है |

    माँ गंगा की बात सुनकर यम यमुना से मिलने के लिए आये और अपने भाई यम को देखकर यमुना बहुत ही प्रसन्न हुई और फिर उनके लिए यमुना के अनेक प्रकार के व्यंजन बनाये |

    अब इससे यम देवता बहुत ही खुश हुए और फिर उन्होंने अपनी बहन यमुना को मनचाहा वरदान मांगने के लिए कहा तो इस पर यमुना ने कहा कि वे पुनः जल्दी ही मिलने आये और फिर यम अपनी बहन के प्रेम और स्नेह के देखकर काफी प्रसन्न हुए और फिर उन्होंने अपनी बहन को अमरत्व का वरदान दिया था |

     

    इन्द्रदेव की कथा

    भविष्य पुराण  के अनुसार देवताओं और देत्यों के बीच होने वाले युद्ध में असुर राजा बलि ने भगवान इंद्र को पराजित कर दिया था, तब इंद्र की पत्नी सची ने भगवान विष्णु के मदद की गुहार लगाई और भगवान विष्णु ने सची को एक सूती धागे से एक हाथ में पहने जाने वाला वलय बनाकर दिया था और इस वलय को भगवाना विष्णु ने एक पवित्र वलय कहा था |

    इसके बाद सची ने इस धागे को इंद्र की कलाई में बांध दिया था और इंद्रा की सुरक्षा और सफलता की कामना करने लगी और फिर इसके बाद अगले युद्ध में इंद्र ने बलि को पराजित कर दिया था और फिर से अमरावती पर अपना अधिकार कर लिया था |

    यहाँ से इस पवित्र धागे का प्रचालन शुरू हुआ और इसके बाद युद्ध में जाने के पहले पत्नी अपने पति की कलाई पर यह धागा बांधती थी और फिर इस तरह से यह त्यौहार केवल भाई बहनों तक ही सिमित नहीं रहा |


    रक्षाबंधन का इतिहास क्या है history of rakhsa bandhan

    अब अगर रक्षाबंधन के इतिहास की बात की जाये तो प्राचीनकाल से ही विश्व इतिहास में रक्षाबंधन का काफी महत्व रहा है और प्राचीनकाल में बहन अपने भाई की रक्षा  के लिए राखी बांधती थी और भाई अपनी बहन को रक्षा का वचन देते थे |


    अब हम हम देखेंगे कि पुराने समय में भी रक्षाबंधन का बहुत ही महत्व रहा है, जिनमें से कुछ इस तरह से है |

     

    हुमायूँ और रानी कर्णावती

    एक समय की बात है कि जब चित्तोड़गढ़ की रानी कर्णावती को ऐसा लगने लगा कि उनका साम्राज्य गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह जफ़र से बचाया नहीं जा सकता है, तो फिर रानी कर्णावती ने हुमायूँ को ( जो की पहले से ही चित्तोड़ का दुश्मन था ) को एक राखी भेजी और फिर एक बहन के नाते रानी कर्णावती ने हुमायूँ से मदद माँगी और फिर हुमांयू ने भी रानी कर्णावती की राखी स्वीकार की और रानी कर्णावती को अपनी  बहन के रूप में स्वीकार भी किया और फिर हुमायूँ ने चित्तोड़ की रक्षा करने का प्रण लिया |

    how to make handmade rakhi designs


    Information about Raksha bandhan  रक्षाबंधन के बारे में जानकारी
    रक्षा बंधन से सम्बंधित शायरी 


    सिकंदर और राजा पुरु की घटना

    326 ई.पू. में जब भारत में प्रवेश किया था, तब सिकंदर की पत्नी रोशानक ने राजा पोरस को राखी भेजी और फिर उन्होंने सिकंदर पर जानलेवा हमला ना करने के वचन लिया और कहा जाता है कि जब राजा पोरस ने युद्ध भूमि में अपनी कलाई पर बंधी हुई राखी को देखा तो फिर उन्होंने सिकंदर पर हमले नहीं किये |

     

    रविंद्रनाथ टैगोर की घटना

    जिस समय भारत देश में अंग्रेजी हुकूमत अपनी सत्ता जमाये रखने के लिए ‘फूट डालो और शासन करो” की नीति को अपना रहे थे, उस समय रविन्द्रनाथ टैगोर ने भारतीय लोगो में एकता बनाये रखने के लिए रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया था | सन 1905 में बंगाल की एकता को देखते हुए ब्रिटिश सरकार हिन्दू और मुस्लिम के फुट डालने के लिए अनेक प्रयास करती रही और उस समय बंगाल एवं हिन्दू मुस्लिम की एकता को बरक़रार रखने के लिए और देश में एकता  का सन्देश देने के लिए टैगोर ने रक्षाबंधन का पर्व मनाना आरम्भ किया था |


    रक्षाबंधन के दिन हमें क्या करना चाहिए

    रक्षाबंधन के दिन हमें घर परिवार के सदस्यों के साथ मिल-जुलकर रक्षाबंधन के त्यौहार को मनाना चाहिए और उस दिन प्रातः स्नान करते देवी देवताओं की पूजा आराधना करनी चाहिए और इस दिन हमें नारी की इज्जत का संकल्प लेना चाहिए |


    रक्षाबंधन के दिन माँ लक्ष्मी को खुश करने के उपाय

    raksha bandhan festival प्रत्येक भाई और बहन के लिए प्रेम और स्नेह का त्यौहार है और यह त्यौहार भाई बहन के प्रेम और स्नेह और बढ़ाता है | यह त्यौहार हर साल श्रावण माह में पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है और यह त्यौहार एक वर्ष में एक बार ही आता है |


    रक्षा बंधन के दिन ऐसे करे माँ लक्ष्मी को प्रसन्न

    अब बात आती है कि रक्षाबंधन के दिन ऐसा क्या करें, जिससे माँ लक्ष्मी प्रसन्न हो और हमेशा ही माँ लक्ष्मी का हमारे ऊपर सदैव आशीर्वाद बड़ा रहे |


    अब यहाँ पर माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए कुछ उपाय बताये जा रहे हैं, जिसको अपनाने से माँ लक्ष्मी प्रसन्न होती है और सदैव माँ लक्ष्मी की कृपा और आशीर्वाद हमारे ऊपर  बना रहता है |

     

    राखी के दिन माँ लक्ष्मी को खुश रखने के लिए अपनी बहन के हाथ से गुलाबी कपडे में सुपारी, अछत और चाँदी का सिक्का लेकर उसे अपने घर में पूजा के स्थान पर या फिर घर की तिजोरी में रख देंवे और ऐसा करने से हमारे ऊपर माँ लक्ष्मी की कृपा और आशीर्वाद बना रहता है और फिर माँ लक्ष्मी की कृपा से घर में हो रही धन की समस्या दूर हो जायेगी |

     

    raksha bandhan celebration का त्यौहार एक साल में एक बार आता है और यह त्यौहार हर साल श्रावण महीने में पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है और राखी के दिन चन्द्रमा को खीर और सफ़ेद मिठाई अर्पित करने से आर्थिक लाभ होता है |

     

    रक्षाबंधन के त्यौहार के दिन अगर आप लक्ष्मी नारायण की पूजा करेंगे तो फिर आपको धन एवं आरोग्य की वृद्धि होगी और अगर आप लक्ष्मी नारायण की पूजा में विष्णु सहस्त्रनाम और कनकधारा स्त्रोत का भी पाठ करते हैं, तो फिर आपको भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है |

     

    राखी के दिन भगवान गणेश को राखी बांधने से भाई और बहन के बीच आपसी मनमुटाव दूर हो जाते है और फिर भाई और बहन  के बीच आपस में स्नेह और प्रेम बढ़ता है |

     

    कहा जाता है कि रक्षाबंधन के दिन हनुमानजी महाराज को राखी बांधने से भाई बहन के जीवन में आने वाली सभी बाधाएं और संकटों से मुक्ति मिलती है |

     

    अगर आप चाहते हैं कि आपके परिवार के सभी सदस्यों के बीच आपसी प्रेम बना रहे और सदैव अपने परिवार के सदस्यों की तरक्की होती रहे, तो इसके लिए आप भगवान श्री कृष्ण और कुल के देवी-देवताओं को राखी बांध सकते है |

    2021 ka rakshabandhan

     

    कहा जाता है कि माँ लक्ष्मी को गुलाबी रंग बेहद ही प्रिय है और रक्षाबंधन के दिन बहन अपने भाई को गुलाबी रंग की सुगन्धित राखी माता लक्ष्मी के चरण कमलों में अर्पित करके बांधिए और फिर ऐसा करने से आपके भाई के जीवन में हो रही आर्थिक परेशानियाँ दूर होगी |

     

    कहा जाता है कि राखी के दिन अन्न और धन का दान  जरुर करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से गरीब लोग और जरुरतमंद लोगों को दान करना बहुत की पुण्य का काम माना जाता है और अगर आप ऐसा करते है, तो आपके पुण्य का कोष भी बढ़ता है और फिर म्रत्यु के बाद उत्तमलोक की भी प्राप्ति होती है और इसके अलावा धन की प्राप्ति भी  होती है |

     

    रक्षाबंधन के दिन हर भाई-बहन को अपने माता-पिता और गुरु का आशीर्वाद जरुर लेना चाहिए और ऐसा कहा जाता है कि राखी के दिन माता-पिता और गुरु का आशीर्वाद प्राप्त करने पर जीवन में तरक्की, दीर्घायु, विद्या, यश और बल की प्राप्ति होती है और फिर समस्याओं से मुक्ति भी मिलती है |

     

    राखी के दिन आप अपने वाहन को राखी जरुर बांधे, क्योंकि ऐसा करने से आपको कभी भी वाहन की वजह से रास्ते में मुश्किल नहीं होगी और फिर दुर्घटना की आशंका भी समाप्त होती है |  


    राखी बनाने की विधि how to make rakhi

    अब अगर बात की जाए कि how to make rakhi at home easy and beautiful तो आप रक्षाबंधन के त्यौहार के लिए राखी को घर पर भी बना सकते है, बस इसके लिए आपको कुछ बातों को ध्यान में रखना होता है, जो कि इस तरह से है |

     

    how to make rakhi at home step by step -

    अब बात आती है raksha bandhan ki rakhi बनाने की तो इसके लिए सबसे पहले आपके पास जो भी कलर का धागा है आप उस रेशम के धागे को गूँथ लीजिये और इसके बाद इस धागे के दोनों छोर पर मोतियाँ लगा दीजिये और इनके बीच में कुछ जगह छोड़ दीजिये |

     

    अब इसके बाद बीच में जो जगह छूटी हुई है उसमें आप अपनी पसंद के आकार का एक स्पंज चिपका दीजिये और इसके बाद फिर आप स्पंज के ऊपर कागज़ को स्पंज के आकार का काट कर एक गोंद की मदद से चिपकाइए |

    how to prepare rakhi at home


    इसके ऊपर आप अपने अनुसार मोतियों को चिपका दें और फिर आप इनके ऊपर स्पंज की सजावट भी कर सकते है और फिर जिन मोतियों को आपने सबसे पहले रेशम के धागे में पिरोया था आप उसे स्पंज के करीब ले जाइये |

     

    इस तरह से आपकी rakhi for raksha bandhan तैयार हो चुकी है और फिर आप इसे अपने भाई के हाथ में भी सजा सकते है और इस तरह से आप घर पर ही रक्षाबंधन के त्यौहार के लिए अपने भाई के लिए राखी बना सकते हैं | 


    राखी बांधने का मन्त्र slogan rakhsa bandhan

    राखी बांधते समय आप इस मन्त्र का जाप भी कर सकते है

     

    ‘येन बद्धो बलिः राजा दानवेन्द्रो महाबल |

    तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल ||’

     

    इस मन्त्र का अर्थ होता है कि जिस रक्षा सूत्र में राजा बलि को बाँधा गया था, उसी रक्षा सूत्र में आज में तुम्हें बंधती हूँ |

    हे राखी तुम अडिग रहना और अपने रक्षा के संकल्प से कभी भी विचलित मत होना और इसी कामना के साथ बहन अपने भाई को राखी बांधती है |

     

    FAQs

    2021 में रक्षाबंधन कितने तारीख को है ?

    raksha bandhan 2021 को 22 अगस्त को रविवार के दिन है |

     

    रक्षाबंधन कौनसे महीने में आता है ?

    हर साल रक्षाबंधन का त्यौहार श्रावण महीने में पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है |


    इस साल राखी बाँधने का शुभ मुहूर्त कितने बजे का है ?

    इस साल राखी बाँधने का शुभ मुहूर्त सुबह 6:15 बजे से रत 7:40 बजे तक का है |


    रक्षाबंधन का इतिहास कितने साल पुराना है ?

    रक्षाबंधन के त्यौहार की अनेक कहानियां प्रचलित है, लेकिन ऐसा कहना बेहद ही मुश्किल है कि राखी का त्यौहार कितने साल पुराना है, क्योंकि इसका अभी तक कोई भी प्रमाण नहीं है |


    सन 2018 में रक्षाबंधन कब था ?

    raksha bandhan 2018 को 26 अगस्त वार रविवार के दिन मनाया गया था |


    सन 2019 में रक्षाबंधन कब था ?

    raksha bandhan 2019 में 15 अगस्त वार गुरुवार के दिन मनाया गया था |


    2022 में रक्षाबंधन कब है ?

    raksha bandhan 2022 में 12 अगस्त वार शुक्रवार के दिन है |


    सन 2023 में रक्षाबंधन कब है ?

    अब अगर raksha bandhan 2023 में आने वाले रक्षाबंधन के त्यौहार की बात की जाए तो उस वर्ष राखी का त्यौहार 31 अगस्त 2023 वार गुरुवार के दिन राखी का त्यौहार मनाया जाएगा |


    सन 2024 में रक्षाबंधन कब हैं ?

    अब अगर raksha bandhan 2024 में रक्षाबंधन के त्यौहार की बात की जाए तो उस साल यह त्यौहार 19 अगस्त को वार सोमवार के दिन आएगा |

     

    उम्मीद करता हूँ कि दोस्तों यह पोस्ट आपको काफी पसंद आयी होगी और इसी तरह हम आपके लिए मजेदार पोस्ट लाते रहेंगे और इसी प्रकार आप अपना प्यार और आशीर्वाद बनाये रखे धन्यवाद

      

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