गोमती नदी के बारे में जानकारी
गोमती नदी |
गोमती नदी उत्तरप्रदेश राज्य की एक प्रमुख नदी है और यह नदी भारत की पवित्र नदियों में से एक नदी है |
गोमती नदी –
यह नदी भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में बहने वाली एक नदी है और यह नदी
गंगा नदी की एक सहायक नदी है |
गोमती नदी उद्गम –
इस नदी का उद्गम भारत के उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले की माधोटांडा
तहसील के निकट गोमती ताल (फुलहर झील) से हुआ है |
गोमती नदी की लम्बाई –
इस नदी की कुल लम्बाई 900 किलो मीटर है |
गोमती के अन्य नाम –
इस नदी को गुमती नदी या फिर गोमती नदी कहा जाता है |
सहायक नदियाँ –
बरना नदी, जोकनाई नदी, गैहाई नदी, सरायन नदी, सुखेता नदी, छोहा नदी,
सई नदी, आंध्रछोहा नदी, कथिना नदी आदि नदियाँ गोमती की सहायक नदियाँ है |
गोमती नदी की विशेषता –
इस नदी पर 16 वीं शताब्दी के अंत में 654 फुट लम्बा पत्थर का पुल
जौनपुर में स्थित है जिसका नाम शाही पुल है और यह नदी उत्तर प्रदेश के जौनपुर और
सुल्तानपुर जिलों को दो बराबर भागों में बाँटती है |
गोमती नदी के बारे में विस्तार से जानकारी - Gomti river in hindi |
गंगा नदी और गोमती नदी के संगम पर मार्कंडेय महादेव का मंदिर
बना है और इस नदी के तट पर अद्भुत “गोमती चक्र” बना हुआ है |
यह नदी गंगा नदी की एकमात्र ऐसी सहायक नदी है जिसका उद्गम मैदानी भाग
से होता है और यह नदी उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ और फ़ैजाबाद जिले की सीमा को छूते
हुए बहती है |
गोमती नदी का महत्व –
कहा जाता है कि एकादशी के दिन इस नदी में स्नान करने से सारे पाप धुल
जाते है और लोग यहाँ पर दूर-दूर से स्नान करने के लिये आते है |
लखनऊ में इस नदी के तट पर लोग गौघाट, मेहंदी घाट, कुड़िया घाट आदि अनेक
छोटे-बड़े घाट पर लोग शाम के समय ठंडी हवा का लुफ्त उठाने के लिये आते है |
गोमती नदी भारत के किस राज्य में बहती है
यह नदी भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में बहने वाली एक नदी है |
गोमती नदी किन-किन जिलों से होकर गुजरती है
यह नदी उत्तरप्रदेश राज्य में अनेक जिलों से होकर गुजरती है और यह
जिले पीलीभीत, हरदोई, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, जौनपुर, सुल्तानपुर, शाहजहांपुर,
बाराबंकी, लखनऊ, और गाजीपुर है |
गोमती नदी किनारे धार्मिक स्थल –
इस नदी के किनारे अनेक छोटे-बड़े मंदिर स्थित है जिनमें से प्रमुख
धार्मिक स्थल इस प्रकार है –
पीलीभीत -
पीलीभीत जिले में गोमती उद्गम स्थल, इक्कोतर नाथ आश्रम, त्रिवेणी बाबा
आश्रम है |
शाहजहांपुर -
शाहजहांपुर जिले में सुनासिर नाथ, बजरिया घाट, मंशाराम बाबा, पन्नाघाट
आदि है |
लखीमपुर खीरी –
लखीमपुर खीरी में इस नदी किनारे सिरसा घाट, टेड़ेनाथ बाबा, मिडिया घाट,
स्थित है |
हरदोई –
हरदोई में इस नदी के किनारे हत्याहरण और नल दमयंती स्थल स्थित है |
लखनऊ –
लखनऊ में इस नदी के किनारे मनकामनेश्वर महादेव संकट मोचन हनुमान और
चन्द्रिका देवी मंदिर स्थित है |
सीतापुर –
सीतापुर में इस नदी के किनारे नैमीषारण्य, दधिची आश्रम, चक्रतीर्थ और
88 कोस परिक्रमा है |
सुल्तानपुर –
सुल्तानपुर में इस नदी के तट पर सीताकुंड तीर्थ और प्राचीन शिव मंदिर
स्थित है |
बाराबंकी –
बाराबंकी में इस नदी के तट पर महादेव घाट, टीकाराम बाबा आदि स्थित है
|
गाजीपुर –
गाजीपुर में गोमती और गंगा के संगम स्थल पर मार्कंडेय महादेव का मंदिर
स्थित है |
जौनपुर –
जौनपुर में भगवान परशुराम की तपोभूमि जमदग्नि आश्रम स्थित है |
इस प्रकार इस नदी के किनारे अनेक छोटे-बड़े धार्मिक स्थल स्थित है |
गोमती नदी पर प्रमुख बांध –
इस नदी पर इंदिरा बांध या गोमती जल सेतु बना हुआ है और यह उत्तर
प्रदेश के लखनऊ में बना हुआ है, इसकी कुल लम्बाई 382 मीटर है |
गोमती नदी पर बने पुल –
संगम –
यह नदी अपने उद्गम से निकलकर लगभग 900 किलो मीटर की दुरी तक का सफ़र तय
करने के बाद उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के सैदपुर के पास में कैथी नामक जगह पर
गंगा नदी में समाहित हो जाती है और आगे चलकर यह नदी भी अरब सागर में समाहित होती
है |
गोमती नदी का इतिहास –
कहा जाता है कि भगवान श्री राम ने रावण वध करने के बाद महर्षि वशिष्ठ
के आदेश के अनुसार इस पवित्र नदी गोमती में स्नान किया और और स्वयं को ब्राह्मण की
हत्या के पाप से भी मुक्त किया था |
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साथ ही भगवान श्री राम ने अपने धनुष को भी इस नदी में धोया था जो आज
उत्तर प्रदेश राज्य के सुल्तान पुर जिले के लम्भुआ तहसील में धोपाप नाम से
प्रसिद्ध है और कहा जाता है कि इस स्थान पर गंगा दशहरा के दिन स्नान करने से सारे
पाप धुल जाते है |
पुराणों के अनुसार –
कहा जाता है कि गोमती ऋषि वशिष्ठ की पुत्री है और श्रीमद भागवत गीता के अनुसार इस नदी में स्नान करने से सारे पाप धुल जाते है और मोक्ष की प्राप्ति होती है |
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