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भीमा नदी के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी - bhima river in hindi

भीमा नदी के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी - bhima river in hindi
भीमा नदी के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी - bhima river in hindi


भीमा नदी
के बारे में इस पोस्ट के माध्यम से जानकारी प्रदान की जा रही है और यह पोस्ट हमारे ज्ञान और अनुभव के आधार पर प्रकाशित की गयी है |

 

    भीमा नदी –

    यह नदी दक्षिण भारत और पश्चिमी भारत की मुख्य नदी है और यह नदी कृष्णा नदी की प्रमुख सहायक नदी है |

     

    भीमा का उद्गम –

    इस नदी का उद्गम महाराष्ट्र राज्य के पुणे जिले के राजगुरु नगर (खेड़ तालुका) में पश्चिमी घाट की भीमाशंकर पर्वत श्रेणी पर स्थित भीमाशंकर मंदिर के निकट से हुआ है |

     

    लम्बाई –

    इस नदी की कुल लम्बाई 861 किलो मीटर है |

     

    भीमा के उपनाम –

    इस नदी को अन्य नामों से भी जाना जाता है और यह भीमरथी और चंद्रभागा है |

     

    सहायक नदी –

    इस नदी की भामा नदी, चाँदनी नदी, पवना नदी, बोर नदी, मुला-मुथा नदी, नीरा नदी, इंद्रायणी नदी, मनगंगा नदी, बोरी नदी भोगवती नदी, घोड़ नदी, कगिनी नदी और सीना नदी आदि सहायक नदी है |

     

    विशेषता –

    इस नदी के निकट बारह ज्योतिर्लिंग में से एक भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग स्थित है और यह नदी भीमाशंकर वन्य जीव अभ्यारण से होकर बहती है |

    इस नदी के किनारे लगभग दो करोड़ से भी ज्यादा आबादी अपना जीवन-यापन करती है और इस नदी का जलग्रहण क्षेत्र 70614 वर्ग किलो मीटर है |

     

    भीमा नदी भारत के कौन-कौन से राज्यों में बहती है –

    यह नदी भारत के महाराष्ट्र, कर्नाटक और तेलंगाना में बहती है |

     

    भीमा नदी किनारे शहर –

    इस नदी के किनारे पुणे, सोलापुर, अहमदनगर, रायचूर, राजगुरु नगर, पंढरपुर आदि शहर स्थित है |

     

    भीमा नदी पर बने बांध –

    इस नदी पर अनेक बांध बने है जिनमें से यह बांध मुख्य है –

    चस्कामन बाँध –

    यह बांध महाराष्ट्र के पुणे जिले के खेड़ तालुका में है |

    उज्जनी बांध –

    यह बांध महाराष्ट्र के सोलापुर में स्थित है |

     

    भीमा नदी का धार्मिक महत्व –



    भीमा नदी के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी - bhima river in hindi
    भीमा नदी के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी - bhima river in hindi


    इस नदी का धार्मिक महत्व काफी है, क्योंकि इस नदी के किनारे अनेक मंदिर है | इनमें से कुछ प्रसिद्ध मंदिर बारह ज्योतिर्लिंग में से एक भीमाशंकर मंदिर, सिद्धिविनायक मंदिर, श्री दत्ताश्रेय मंदिर, श्री क्षेत्र रासलीला बाला भीमसेना मंदिर, पंढरपुर विठोवा मंदिर और श्री क्षेत्र हल्कंठेश्वर मंदिर आदि मंदिर है और इन मंदिरों के द्वारा भी इस नदी का काफी धार्मिक महत्व है |

     

    पौराणिक महत्व –

    यह नदी भारत देश की ऐतिहासिक नदियों में से एक है और इस नदी का उल्लेख महाभारत और विष्णु पुराण में भीमरथी के नाम से मिलता है इसके अलावा भीमरथी नदी का उल्लेख श्रीमद भागवत गीता में भी मिलता है |

     

    संगम –

    भारत के तेलंगाना राज्य के जिला कुरुनुल में गुरुजाल नामक स्थान के पास यह नदी कृष्णा नदी में समाहित हो जाती है |

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