कोसी नदी की जानकारी - कोसी नदी का इतिहास - kosi river in hindi |
कोसी नदी नेपाल, तिब्बत और भारत के बिहार राज्य में बहने वाली एक प्रमुख नदी है और यह नदी गंगा नदी की सहायक नदियों में से एक नदी है |
कोसी नदी –
हिमालय से निकलने के बाद इस नदी में कुल सात नदियों का संगम होता है,
जिनका नाम कोसी, सनकोसी, तमाकोसी, दुधकोसी, इन्द्रावती, लिखू और तैमुर है और इन
साथ नदियों के संगम से ही इस नदी का नाम सप्तकोसी पड़ा है |
उद्गम –
यह नदी पूर्वी नेपाल में हिमालय के सप्तकौसिकी नामक स्थान से निकलती
है |
लम्बाई –
इस नदी की भारत में लम्बाई 260 किलो मीटर है और इसकी कुल लम्बाई 729
किलो मीटर है |
उपनाम –
इस नदी में अधिकतर बाढ़ आने के कारण इसे “बिहार का शौक” भी कहा जाता है
| इसके अलावा इसे “सप्तकोसी”, “कौशिकी”, “बिहार का अभिशाप” भी कहा जाता है |
सहायक नदियाँ –
दुधकोसी, सुनकोसी, तामुर नदी, अरुण नदी आदि इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ
है |
विशेषता –
यह नदी उत्तरबिहार के मिथिलाक्षेत्र की संस्कृति का पालन करती है और
इस नदी के आसपास के क्षेत्र को इस नदी के नाम पर कोसी कहा जाता है |
कोसी नदी की जानकारी - कोसी नदी का इतिहास - kosi river in hindi |
कोसी नदी के उत्तर में ब्रह्मपुत्र नदी, पूर्व में
महानंदा नदी और दक्षिण में गंगा नदी है और यह नदी गंगा नदी में मिलने से पहले कुल
26800 वर्ग किलो मीटर क्षेत्र और भारत के 3600 वर्ग मील क्षेत्र को प्रभावित करती
है |
भारत में प्रवेश –
यह नदी बिहार राज्य के भीमनगर नामक स्थान से भारत में प्रवेश करती है
|
अपवाह क्षेत्र –
भारत में कोसी नदी भीमनगर, कटिहार, विराटनगर, पूर्णिया आदि
क्षेत्रों में बहती है |
कोसी नदी पर बने पुल –
इस नदी पर अनेक पुल बने है, जिनमें से कोसी महासेतु गन्डाल (जिसकी कुल
लम्बाई लगभग 10.2 किलो मीटर है) और कोसी पुल नेपाल प्रमुख पुल है |
कोसी नदी परियोजना –
इस नदी परियोजना 06 अप्रैल 1947 को निर्माण किया गया, यह परियोजना एक
प्रमुख परियोजना है, जिसका निर्माण ज्यादातर बाढ़ के प्रभाव के कारण बनाई गयी |
कोसी नदी पर बने बांध –
इस नदी पर भारत और नेपाल की सीमा पर अवरोधक बांध का निर्माण किया गया,
यह बांध प्रमुख बांध है और इस बांध का निर्माण 1958-1962 में किया गया |
संगम –
यह नदी अपने उद्गम स्थल से निकलकर भारत के बिहार राज्य के कटिहार के
कुर्सिला नामक स्थान पर गंगा नदी में समाहित हो जाती है |
कोसी नदी का इतिहास –
पौराणिक कथाओं के अनुसार –
कहा जाता है कि कोसी सहित कुल सात बहन है, जिनका नाम सरयू, भागीरथी,
यमुना, रामगंगा, काली, गौरी और कोसी है |
कोसी नदी की जानकारी - कोसी नदी का इतिहास - kosi river in hindi |
एक बार इन सभी बहनों को कहीं पर जाना था और सभी जाने के लिये तैयार हो
गयी थी, कोसी उनका इंतजार कर रही थी, इंतजार करते-करते कोसी को भयंकर गुस्सा आया
और वह अकेली ही चल पड़ी |
बाद में उनकी बहने आयी तो उन्हें कोसी वंहा पर नहीं मिली, तभी उन सभी
बहनों ने क्रोधित होकर कोसी को श्राप दे दिया कि तु अब हमसे अलग ही रहेगी, न तो
तेरा अस्तित्व रहेगा और न ही तुझे कोई पवित्र समझेगा |
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