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Ramganga nadi - रामगंगा नदी के उद्गम से लेकर संगम तक की जानकारी

Ramganga nadi in hindi

Ramganga nadi भारत के प्रमुख नदी है और यह नदी पवित्र नदियों में से एक है |


रामगंगा नदी का उदगम स्थल ( origin of ramganga river )

Ramganga nadi ka udgam उत्तराखंड राज्य के हिमालयी पर्वत श्रंखलाओं के कुमाऊं मंडल के अंतर्गत अल्मोड़ा जिले की दूनागिरी के विभिन्न प्राकृतिक जल स्त्रोत के रूप में गढ़वाल पहुंचते हैं और कुछ ही दूरी पर भूगर्भ से निकलती है और यहीं से इसे रामगंगा नदी कहा जाता है |

इस नदी का उद्गम उत्तराखंड राज्य के पौड़ी गढ़वाल जिले में दुधातोली की पहाड़ी की दक्षिणी ढलानों से हुआ है |


रामगंगा नदी की लंबाई (ramganga nadi ki lambai )

इस नदी की कुल लंबाई 696 किलोमीटर है तथा उत्तराखंड में इसकी लंबाई 554 किलोमीटर है और उत्तर प्रदेश में इसकी लंबाई 142 किलोमीटर है |


रामगंगा नदी की सहायक नदियां (ramganga ki sahayak nadi )

विनोद नदी, खोह नदी, कोशी नदी, गगास नदी और अरिल नदी इसकी सहायक नदियां हैं |


रामगंगा नदी के किनारे मुख्य तीर्थ तथा गांव

इस नदी के किनारे अनेक तीर्थ या गांव है, जिनमें से दाणीमडाली शिव मंदिर, मेहलचोरी, श्रीरामपादुका, स्वीडो, चौखुटिया, रामघाट, नौला, डांग, मांसी, कनोणी, आदि ग्राम कनोणिया, काला चौना, सोमेश्वर महादेव, रुद्रेश्वर महादेव और पौराणिक बुद्ध केदार है |


रामगंगा नदी किन किन राज्यों में बहती है ?

यह नदी भारत के दो राज्य में बहने वाली नदी है, जिनके नाम उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश है |


रामगंगा नदी किन-किन जिलों में बहती है ?

यह नदी भारत के अनेक जिलों से होकर गुजरती है, जिनका नाम चमोली, पौड़ी, अल्मोड़ा, नैनीताल, बरेली, बदायूं, मुरादाबाद, हरदोई, शाहजहांपुर, फर्रुखाबाद बिजनौर है |


बांध व जल विद्युत परियोजना

इस नदी पर कालागढ़ नामक जगह पर एक बांध बनाया गया है, जहां पर बिजली का उत्पादन और तराई के मैदानों में सिंचाई की सुविधाएं उपलब्ध है |


रामगंगा नदी का पुराणों में वर्णन

पौराणिक ग्रंथों में इस नदी का उल्लेख रथ वाहिनी के नाम से मिलता है और इसके रहस्य वह महत्व सारगर्भित पाए जाते हैं |

मानस खंड के उल्लेख अनुसार दूणागिरी यानी दूनागिरी के दो श्रंगो ब्रह्म पर्वत व लोधपर्वत के बीच से रामगंगा ( रथ वाहिनी) का उद्गम हुआ है और इन्हें पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यह लोग पर्वत यानी भटकोट शिखर जामदागनी ऋषि ( परशुराम) की तपोभूमि रही है, इसी कारण परशुराम के नाम पर ही इसका नाम रथ वाहिनी माना गया था |


रामगंगा नदी का अपवाह क्षेत्र (ramganga river flows through )

यह नदी अपने उदगम स्थल से निकलती हुई अल्मोड़ा जिले में प्रवेश करती है और फिर गनाई से होती हुई मासी में प्रवेश करती है और आगे चलकर यह नदी उत्तर प्रदेश के बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई जिले में बहती है और फिर अंत में यह नदी कन्नौज जिले तक बहती है |


रामगंगा नदी के जल का उपयोग

इस नदी के जल का उपयोग सिंचाई, बिजली उत्पादन और पीने के लिए किया जाता है और इस नदी के किनारे अनेक जल विद्युत परियोजनाएं स्थित है |


रामगंगा नदी का संगम

यह नदी अपने उदगम स्थल से निकलकर लगभग 154 किलोमीटर की पहाड़ी यात्रा करती हुई कालागढ़ जिले के समीप बिजनौर जिले के मैदानों में उतरती है और इसके पश्चात 24 किलोमीटर की मैदानी भागों की यात्रा करने के बाद खोन नदी इस नदी में आकर मिलती है और फिर अंत में यह नदी कन्नौज के समीप गंगा नदी में समाहित हो जाती है |


FAQs

रामगंगा नदी किसकी सहायक नदी है ? ( ramganga kiski sahayak nadi hai )

रामगंगा नदी गंगा नदी की एक सहायक नदी है | (ramganga nadi ganga nadi ki sahayak nadi hai )


रामगंगा नदी कहाँ से निकलती है ? ramganga nadi kaha se nikalti hai

रामगंगा नदी उत्तराखण्ड राज्य के अल्मोड़ा जिले से निकलती है |


पुराने समय में किस नदी को रथ वाहिनी के नाम से जाना जाता था ?

पुराने समय में रामगंगा नदी को रथ वाहिनी के नाम से जाना जाता था |


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