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Prime Minister Morarji Desai in Hindi - मोरारजी देसाई की जीवनी

 

Prime Minister Morarji Desai in Hindi - मोरारजी देसाई की जीवनी

Prime Minister Morarji Desai in Hindi - मोरारजी देसाई की जीवनी
Prime Minister Morarji Desai in Hindi - मोरारजी देसाई की जीवनी

मोरारजी देसाई भारत के स्वाधीनता सेनानी और भारत के चौथे प्रधानमंत्री थे और यह पहले ऐसे प्रधानमंत्री थे, जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस नहीं, जबकि अन्य दल से प्रधानमंत्री बने थे |

यह एकमात्र ऐसे व्यक्ति थे, जिन्हैं भारत और पकिस्तान ने सम्मानित किया था | इन्हैं भारत का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न और पाकिस्तान का सर्वोच्च सम्मान निशान-ए-पाकिस्तान से सम्मानित किया गया |

 

    Morarji Desai ka janm - मोरारजी देसाई का जन्म

    यदि हम बात करें कि मोरारजी देसाई का जन्म कब हुआ था, तो इसके जवाब में हम कह सकते हैं कि Morarji Desai का जन्म 29 फ़रवरी 1896 को गुजरात के बुलसर जिले में भदेली नामक जगह पर हुआ था | 

    मोरारजी देसाई के पिता का नाम रणछोड़ देसाई था और वे स्कूल के एक अध्यापक थे |

    उनका जन्म एक ब्राहमण परिवार में हुआ था और अब हम बात करने वाले हैं कि मोरारजी देसाई की माता का क्या नाम था तो इनकी माता का नाम मणिबेन देसाई था जो कि वह अपने घर की मुखिया थी |

     

    Morarji Desai ki patni kaun thi - मोरारजी देसाई की पत्नी कौन थी ?

    यहाँ पर हम बात करने वाले हैं कि मोरारजी देसाई की पत्नी का नाम गुजराबेन था और सन 1911 में इन दोनों का विवाह संपन्न हुआ था और उनके पांच बच्चे हुए |

     

    Education of Morarji Desai - मोरारजी देसाई की शिक्षा 

    मोरारजी देसाई ने मुंबई के एलफिंस्टन कॉलेज से शिक्षा ग्रहण की और यह कॉलेज उस समय में काफी महंगा और खर्चीला माना जाता था |

    मुंबई में वे गोकुलदास तेजपाल के नाम से प्रसिद्ध आवास में निःशुल्क रहते थे और विधार्थी जीवन में वे एक विवेकशील छात्र थे |

     

    Career Point of Morarji Desai - मोरारजी देसाई का करियर प्वाइंट 

    देसाई जी ने मुंबई प्रोविंशल सिविल सर्विस में आवेदन करने का निर्णय किया, जहाँ पर सरकार के द्वारा सीधी भर्ती की जाती थी | 

    जुलाई 1917 में यूनिवर्सिटी ट्रेनिंग कोर्स में उन्होंने प्रविष्टी पाई और यहाँ पर उन्हैं ब्रिटिश लोगों की तरह अधिकार और सुविधाएँ प्राप्त होती थी |

    यहाँ पर रहते हुए वे अफसर बन गये और मई 1918 में वे परिवीक्षा पर बतौर उप जिलाधीश अहमदाबाद पँहुचे | 

    उन्होंने चेटफिल्ड नामक ब्रिटिश कलेक्टर के अंतर्गत कार्य भी किया, लेकिन वे अपने रूखे हुए स्वभाव की वजह से 11 वर्षों तक उन्नति प्राप्त नहीं कर सके और वे केवल कलेक्टर के निजी सहायक के पद तक ही पंहुच पाये |

    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जीवन परिचय

     

    Morarji Desai political career - मोरारजी देसाई का राजनीतिक सफर

    Prime Minister Morarji Desai in Hindi - मोरारजी देसाई की जीवनी
    Prime Minister Morarji Desai in Hindi - मोरारजी देसाई की जीवनी


    सन 1930 में देसाई जी ने ब्रिटिश सरकार की नौकरी छोड़ दी और स्वतन्त्रता संग्राम के एक सिपाही बन गये | 

    सन 1931 में वे गुजरात की कांग्रेस कमेटी के सचिव बन गए और फिर उन्होंने अखिल भारतीय युवा कांग्रेस की स्थापना की और सरदार पटेल के निर्देशानुसार वे उसके अध्यक्ष बन गये |

    सन 1932 में उन्हैं 02 साल के लिये जेल भी जाना पड़ा | सन 1937 तक वे गुजरात की कांग्रेस कमेटी के सचिव रहे और फिर इसके बाद वे बम्बई के कांग्रेस मंत्रिमंडल में शामिल हो गये |

    कहा जाता है कि इस दौरान उनके जीवन में काफी परिवर्तन भी आये, मोरारजी खुद अपनी बात को सही मानते थे, जिससे लोग उन्हैं सर्वोच्च नेता मानते थे |

    देश की आजादी के दौरान भारत की राजनीति में इनका नाम काफी वजनदार हो चुका था, क्योंकि स्वतन्त्रता संग्राम में भागीदारी के कारण उन्होंने कई वर्ष जेल में ही गुजारे थे |

    मोरारजी देसाई की रूचि राज्य की राजनीती में अधिकतर थी, इसलिये सन 1952 में उन्हैं बम्बई राज्य का मुख्यमंत्री भी बनाया गया था | 

    उस समय में गुजरात और महाराष्ट्र का गठन नहीं हुआ था, इसलिये गुजरात और महाराष्ट्र को उस समय में बम्बई प्रोविंस के नाम से जाना जाता था |

    सन 1967 में इन्दिरागांधी के प्रधानमंत्री बनने पर देसाई जी को उप प्रधानमंत्री और गृहमंत्री भी बनाया गया परन्तु वह इस बात को लेकर चिंतित थे कि वरिष्ठ नेता होने पर भी उनकी जगह इंदिराजी को प्रधानमंत्री बनाया गया और इसी वजह से वे इंदिराजी के द्वारा किये जाने वाले क्रन्तिकारी उपायों में बाधा डालते रहे |

    हालाँकि जिस समय कांग्रेस अध्यक्ष के. कामराज ने सिंडिकेट की सलाह पर इंदिराजी को प्रधानमंत्री बनाने की घोषणा की थी, उस समय मोरारजी देसाई भी प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में शामिल थे, लेकिन जब वे किसी भी प्रकार से नहीं मानें तो फिर पार्टी ने इस मुद्दे पर चुनाव कराया और फिर इंदिरा गाँधी ने भारी मतों से बाजी मारी और फिर उस समय इंदिरा गाँधी भारत की प्रधानमंत्री बनी और मोरारजी देसाई भारत के उप प्रधानमंत्री बनें |

     

    Morarji Desai prime minister period - मोरारजी देसाई का प्रधानमंत्री कार्यकाल 

    कांग्रेस पार्टी में जो अनुशासन पंडित जवाहरलाल नेहरु के समय में था, वह अनुशासन उनकी म्रत्यु के बाद बिखरने लगा था | 

    पार्टी के कई सदस्य स्वयं को बड़ा मानते थे और उनमें से एक मोरारजी देसाई भी थे |

    लाल बहादुर शास्त्री ने कांग्रेस पार्टी से कभी भी पद की मांग नहीं की थी, लेकिन देसाई जी ने कांग्रेस पार्टी के साथ अनेक मतभेदों को जाहिर किया और वे अपवाद में भी रहे |

    जब इस बात की जानकारी इंदिरा गाँधी को पता चली तो उन्होंने Prime Minister Morarji Desai के पर कतरना प्रारंभ कर दिया और फिर नवम्बर 1969 को जब कांग्रेस का विभाजन हुआ तो देसाई जी इंदिरा जी की पार्टी कांग्रेस आई की बजाय कांग्रेस ओ में चले गये |

    सन 1975 में देसाई जी जनता पार्टी में सम्मिलित हो गये और जब मार्च 1977 में लोकसभा के चुनाव हुए तो जनता पार्टी ने स्पष्ट रूप से बहुमत हासिल किया, लेकिन यहाँ पर भी प्रधानमंत्री पद के लिये अन्य दो दावेदार पहले से ही उपस्थित थे, जिनका नाम चौधरी चरण सिंह और जगजीवन राम है |

    जयप्रकाश नारायण जो कभी खुद कांग्रेसी हुआ करते थे, उन्होंने अपनी स्थिति किंग मेकर का लाभ उठाया और फिर उन्होंने अपना समर्थन देसाई जी को दिया |

    23 मार्च सन 1977 को मोरारजी देसाई 81 वर्ष की उम्र में देश के प्रधानमंत्री बने | 

    इनके शुरुआती शासनकाल में देश के जिन नौ राज्यों में कांग्रेस का शासन था, वहां की सरकारों को भंग कर दिया गया और फिर से चुनाव कराने की घोषणा भी करा दी गयी |

    इनका यह कार्य अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक था | जनता पार्टी देश से इंदिरा गाँधी और समर्थित कांग्रेस का सफाया करते हुई नजर आई |

    मोरारजी देसाई ने पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान से रिश्ते सुधारने की दिशा में पहल किया | 

    चुनाव प्रचार के समय में देसाई जी ने भारत की ख़ुफ़िया एजेन्सी रॉ को बंद करने की बात कही थी और जब वे प्रधानमंत्री बने थे तब उन्होंने एजेन्सी का बजट और आकार बहुत ही कम कर दिया था |

    दो दलों के आपसी मतभेद ने सरकार को भारी नुकसान पंहुचाया था, फिर ऐसे में सन 1979 को राजनारायण और चौधरी चरण सिंह ने अपना समर्थन वापस ले लिया और मात्र दो साल की अवधि में ही मोरारजी देसाई को प्रधानमंत्री पद से त्यागपत्र देना पड़ा |

     

    Morarji Desai death - मोरारजी देसाई का निधन कब हुआ ? 

    यदि कहा जाए की मोरारजी देसाई की म्रत्यु कब हुई तो इसका जवाब यह है कि सन 1979 में प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़ा देने के बाद उन्होने 83 साल की उम्र में राजनीती से सन्यास ले लिया और फिर वे मुंबई में रहने लगे और फिर 10 अप्रैल 1995 को 99 वर्ष की उम्र में मोरारजी देसाई का निधन हो गया |

    यह भी पढ़ें - गुलजारीलाल नंदा का जीवन परिचय


    FAQs 

    Ques.01 Morarji Desai ka janm kab hua tha ?

    Ans - inka janm 29 february, 1896 ko gujrat rajya mein bulsar jile mein bhadeli naamak sthan par hua tha.

    Ques.02 Morarji Desai kahan ke mukhymantri the ?

    Ans - Year 1952 ko ye bambai rajya ke mukhyamantri bane the aur us samay gujrat aur maharashtra rajya ka gathan nahi hua tha jise bambai province ke naam se jana jata tha.