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सोन नदी - सोन नदी का उद्गम, लम्बाई, विशेषता आदि - son nadi

सोन नदी - सोन नदी का उद्गम, लम्बाई, विशेषता आदि - son nadi
सोन नदी - सोन नदी का उद्गम, लम्बाई, विशेषता आदि - son nadi

सोन नदी भारत के मध्यभाग में बहने वाली एक नदी है और यह नदी मध्यप्रदेश के बघेलखंड क्षेत्र की एक प्रमुख नदी है |

 

    सोन नदी (son nadi) –

    मध्य प्रदेश में बघेल राजाओं की राजधानी “रीवा रियासत” इसी सोन नदी के किनारे स्थित है और यह एक सदानीरा नदी है |

     

    सोन नदी का उद्गम –

    इस नदी का उद्गम मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले की विंध्यांचल पर्वत श्रंखला की मैकल पर्वत श्रेणी अमरकंटक से हुआ है |

     

    son nadi की  लम्बाई –

    यह नदी अपने उद्गम से निकलकर 784 किलोमीटर तक का सफ़र तय करती है |

     

    सोन नदी कितने राज्यों में बहने वाली नदी है –

    यह नदी मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ में बहने वाली एक प्रमुख नदी है और यह भारत के पांच राज्यों में बहने वाली एक नदी है |

     

    सोन नदी के उपनाम –

    सोन नदी - सोन नदी का उद्गम, लम्बाई, विशेषता आदि - son nadi
    सोन नदी - सोन नदी का उद्गम, लम्बाई, विशेषता आदि - son nadi

    इस नदी के अनेक उपनाम है और इसको अलग अलग लोगों ने इसके अलग अलग नाम बताये है, सोनभद्र, हिरण्यवाह, स्वर्ण नदी और सोहन नदी इसके उपनाम है |

     

    सोन नदी की सहायक नदियाँ –

    इस नदी की अनेक सहायक नदियाँ है जैसे कि बनास नदी, गोपद नदी, घाघर नदी, छोटी महानदी, रिहंद नदी, कन्हार नदी, जोहिला नदी और कोयल नदी आदि नदियाँ इसकी सहायक नदियाँ है |

     

    सोन नदी की विशेषता –

    यह नदी मध्य प्रदेश की तीसरी सबसे लम्बी नदी है और यह नदी यमुना नदीके बाद गंगा नदी की दूसरी सबसे बड़ी सहायक नदी है |

    इस नदी के किनारे “कैमूर की गुफाएं” है जंहा पर हजारों साल पुराने शैलचित्र पाए गये हैं और इस नदी की किनारे बघेल राजाओं ने भी शासन किया था |

    बिहार में भोजपुरी भाषा और मगधी भाषा बोलने वाले क्षेत्रों के बीच में यह नदी सीमा का निर्माण करती है |

     

    सोन नदी के किनारे बसे शहर –

    इस नदी के किनारे शहडोल, उमरिया, रीवा, अनूपपुर, सोनभद्र, पटना, बिहटा, रोहतास, सासाराम, कोइलवार, डेहरी-आन-सोन, चोपड़ आदि शहर स्थित है |

     

    सोन नदी किनारे स्थित धार्मिक स्थल –

    इस नदी के किनारे अनेक धार्मिक स्थल स्थित है जिनमे से कुछ धार्मिक स्थल सोनमुडा, ज्वालेश्वर शिवमंदिर समूह और कब्र खुर्द आदि |

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    सोन नदी पर बने पुल –

    इस नदी पर अनेक पुल बने है जो इस प्रकार से है -

    • डेहरी-आन-सोन पुल जिसका निर्माण सन 1874 में किया गया था,
    • कोइलवर पुल- यह पुल रेल सह सड़क पुल है |
    • ग्रांड ट्रंक पुल – इस पुल का निर्माण सन 1965 में किया गया था |

     

    सोन नदी पर बने बांध –

    इस नदी पर अनेक बाँध बने हुए है, जिनमें से कुछ बाँध महत्वपूर्ण है जो कि इस प्रकार है –

    डेहरी बांध –

    डेहरी बांध का निर्माण सन 1874 में किया गया था और यह बांध son nadi पर पहला बांध है | यह बांध 14 ऊँचा और 12469 लम्बा है |

    इन्द्रापुर बांध –

    इन्द्रापुर बाँध का निर्माण सन 1968 में किया गया था और इस बांध में लगभग 209 मिल की नहर है और 150 की छोटी नहर है |  

    बाणसागर बांध –

    यह बांध सोन नदी पर बना है और मध्य प्रदेश में बनाया गया है | यह बांध सन 2006-2008 में बनाया गया, इस बाँध की ऊंचाई लगभग 67 मीटर है | कहा जाता है कि बाणभट्ट इसी नदी के किनारे रहा करते है इसलिए इस बांध का नाम बाण सागर बांध पड़ा |

     

    son nadi का मुहाना –

    यह नदी अपने उद्गम से लेकर पांच राज्यों से होकर बहती है और यह नदी 784 किलोमीटर का सफ़र तय करने के बाद बिहार के पटना जिले के दीनापुर के पास में मनेर नामक स्थान पर गंगा नदी में समाहित हो जाती है और आगे चलकर गंगा नदी भी बंगाल की खाड़ी में गिरती है |

     

    सोन नदी का इतिहास –

    कहा जाता है कि एक समय में भगवान शिव ने स्वयं अमरकंटक की पहाड़ी पर आकर शिवलिंग स्थापित किया था और फिर मैकल की इन पहाड़ियों पर सेकड़ों शिवलिंग बिखेर दिये और फिर वंहा से सोन नदी निकलती है, पुराणों के अनुसार इस स्थान को “महारुद्रमेरू” कहा जाता है |

    मेगस्थनीज के अनुसार –

    यूनानी लेखक मेगस्थनीज ने अपनी पुस्तक इंडिका में इस नदी का वर्णन करते हुए लिखा है कि इस नदी में सोने के कण पाए जाते हैं, इसलिए इस नदी को सोन नदी कहा जाता है |

    पुराणों में इस नदी को सोनभद्र कहा गया है, साथ ही अग्नि पुराण में भी इसका वर्णन मिलता है |

     

    सोन नदी से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी –

    • भोगोलिक द्रष्टि से यह नदी, नर्मदा नदी घाटी का ही विस्तार है |
    • यह नदी अमरकंटक से निकलने के बाद मध्य प्रदेश के अन्य दो भागों में उत्तर पश्चिमी दिशा में बहती है |
    • यह नदी झारखंड राज्य के उत्तर पश्चिमी छोर पर सीमा का भी निर्माण करती है |
    • अमरकंटक से उद्गम स्थल के बाद इस नदी के किनारे कबीर चबूतरा है और संत कबीरदास जी का इतिहास यंहा पर दिखाई देता है |
    • इस नदी का नाम सोन इसलिए पड़ा क्योंकि इस नदी की बालू रेत पीले रंग की है, जो बिल्कुल सोने की तरह चमकती है |


    सिन्धु नदी के बारे में विस्तार से जानकारी  

    FAQ -

    सोन नदी की कुल लम्बाई कितनी है ? 

    सोन नदी की कुल लम्बाई 784 किलोमीटर है | 

    सोन नदी का प्राचीन नाम  क्या है ? 

    इस नदी का प्राचीन नाम "सोहन" है | 

    सोन नदी का नाम सोन नदी क्यों पड़ा ? 

    सोन नदी में पीले रंग की बालू रेती पाई जाती है, जो सोने की तरह चमकती है, इसी वजह से इस नदी का नाम सोन नदी पड़ा | 

    सोन नदी कितने राज्यों से होकर गुजरती है ? 

    सोन नदी भारत के कुल पांच राज्यों में बहती है, जिनके नाम मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ है | 

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