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laziness । आलस्य को दूर करने के 10 उपाय

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जब कोई व्यक्ति अपने कार्य को पूरा करने में असमर्थ रहता है या अपने कार्य को करने की  बजाय बहाने ढूंढता रहता हैं।   

    आलस्य क्या है - 

    अपने कार्य को व्यवस्थित रूप से नहीं कर पाना या फिर अपने कार्य को समय पर पूरा नहीं करना एक प्रकार का आलस होता हैं।

    आलस हर व्यक्ति में पाया जाता हैं जो व्यक्ति इस आलस को दूर कर देते हैं वही व्यक्ति एक दिन सफलता प्राप्त कर लेते हैं और आलसी व्यक्ति बैठे बैठे सोचता रहता है और अपने आलस के कारण वह अपना आज और कल दोनों बर्बाद कर देता हैं और फिर अंत में पछताता हैं।

    आलसी व्यक्ति का न तो वर्तमान होता हैं और न ही भविष्य क्योंकि आलसी व्यक्ति अपने छोटे से आलस के कारण अपना वर्तमान और भविष्य दोनों ही इधर उधर की बातें करने में गुजार देता हैं।

    आलस्य के कारण 

    व्यक्ति में निम्न कारण से आलस्य समाहित होता है जिसके कारण वह अपने काम को आसानी से पूरा नहीं कर पाता हैं।  
    1. यदि जरुरत से ज्यादा भोजन कर लिया जाये तो आलस्य उत्पन्न होने लगता हैं।  
    2. नकारात्मक सोच के कारण आलस्य उत्पन होता हैं।  
    3. बहुत ज्यादा सोने पर व्यक्ति धीरे धीरे आलसी होता जाता हैं।  
    4. काम को बड़ा मानने पर काम ज्यादा दिखाई देता हैं और अपने काम के प्रति आलस्य आ जाता हैं।  

    आलसी व्यक्ति के गुण 

    एक आलसी व्यक्ति में अनेक प्रकार के गुण पाए जाते हैं जो उसे सफल बनने से रोकते हैं और उसको आलसी बनाने में मदद करते हैं।

    बहाना खोजना - 

    एक आलसी व्यक्ति अपने कर को करने की बजाय उसको न करने का बहाना खोजता हैं और अपने कार्य को कल पर टालता हैं।  जिसके कारण वह अपने काम में आलसी होता जाता हैं। 

    व्यवस्थित तरीके से काम न करना -

    जब कोई किसी कार्य को जल्दी जल्दी में ख़त्म कर देते हैं और अपने कार्य को व्यवस्थित रूप से नहीं करते हैं या फिर समय पर नहीं करते हैं, तब ऐसे व्यक्ति आलस्य के कारण  अपने काम को व्यवस्थित रूप से नहीं कर पाते हैं।  
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    काम को पूरा नहीं करना -

    एक आलसी व्यक्ति कभी भी अपने कार्य को पूरा नहीं करता हैं और जैसे तैसे काम को पूरक करता है तो समय पर नहीं करता हैं।  आलसी व्यक्ति कभी भी अपना काम समय पर पूरा नहीं करता। 

    काम में मन नहीं लगाना -

    एक आलसी व्यक्ति कभी भी अपने काम को पुरे मन लगाकर नहीं करता हैं वो तो बस उसे ख़त्म करने के बारे में सोचता ही रहता हैं और अपने काम में बिलकुल भी दिलचस्पी नहीं रखता हैं।


    आलस्य को दूर करने के 10 उपाय 


    एक व्यक्ति में आलस्य अनेक प्रकार से आते हैं जो उसको अपने काम को करने से रोकते हैं और सफल बनने में बाधा बनकर खड़े हो जाते हैं।  जिसके कारण व्यक्ति अपनी सफलता से कोसो मिल दूर रह जाता हैं।

    आलस्य को दूर करने के अनेक उपाय हैं जिसका प्रयोग कर हम हमारे जीवन से आलस्य को दूर भगा सकते हैं।

    5.1   अपना लक्ष्य के ऊपर कार्य करना -

    जब लगातार कार्य करते करते या बैठे बैठे आलस्य आता हैं तो हम आने लक्ष्य के बारे में सोच कर और उससे होने वाले फायदे के बारे में सोचकर कार्य करना  चाहिए जिससे आलस्य दूर चलता जाता हैं।

     5.2   समय पर कार्य करना -

    एक महान व्यक्ति आने कार्य को समय पर करने के कारण महान बनता हैं और वो कभी आलस्य को अपने पास नहीं आने देता हैं।  अपने सभी काम समय पर करे  जब हम समय पर कार्य करते हैं तो काम भी पूरा हो जाता हैं और आलस्य भी नहीं आता।

    5.3   योजना बनाकर काम करना -

    प्रत्येक काम को करने से पहले उसकी planning कर लेना चाहिए, जिससे हम अपने काम को योजना के अनुसार कर सकते हैं।

    5.4   काम को टुकड़ो में बाँट देना-

    अपने काम को छोटे छोटे टुकड़ो में बाँटने का प्रयास करे और छोटे छोटे टुकड़ो में उसको करने का प्रयास करे।  जिससे काम भी आसानी से पूरा किया जा सकता हैं और काम बड़ा नहीं दिखाई देगा।
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    5.5   एक समय में एक ही काम करें -

    एक समय में एक ही काम करने का प्रयास करें और उस काम में अपना 100 प्रतिशत लगा दे जिससे काम हो जायेगा और आलस्य भी नहीं आएगा। 

    5.6   संगत पर ध्यान दें -

    ऐसे लोगो के साथ रहे जो अपने कार्य को लेकर सक्रीय रहते हो, जिससे आपका भी अपने काम के प्रति लगाव होता जायेगा।

    5.7   एक्सरसाइज करे -

    प्रतिदिन कम से कम 45 मिनट तक exercise करने का प्रयास करें जिससे शारीरिक और मानसिक तनाव दूर होते जायेंगे और आप आलस्य से बच सकते हैं।

    5.8   सकारात्मक सोच -

    हमेशा सकारात्मक रहें। हर कार्य को सकारात्मकता की दृष्टि से देखे , कभी भी नकारात्मक ना सोचे क्योंकि नकारात्मक सोच आदमी को बीमार कर देती हैं।

    5.9   अपने खानपान पर ध्यान दें -

    अपने आहार पर विशेष ध्यान दे जब भी हम भोजन करते हैं तो उसका सीधा असर हमारे शरीर और मस्तिष्क दोनों पर पड़ता हैं और जैसा है भोजन करते है हमारा शरीर भी वैसा बनता जाता हैं।  इसलिए अपने खानपान को संतुलित करें।

    5.10  काम को टालना बंद करें -

    कभी भी किसी भी काम को टालें नहीं और जो भी काम करे उसमे अपना तन मन दोनों लगा दें। पूरी दिलचस्पी के साथ काम करें।  काम को कभी अव्यवस्थित, अधूरा न रखे उसको हमेशा पूरक करने की कोशिश करें। 

    निष्कर्ष- 


    इस प्रकार से आप अपने जीवन से आलस्य को दूर भगा सकते हैं और एक सक्रीय जीवन व्यतीत कर सकते हैं और हमेशा किसी न किसी कार्य को करते रहने से या छोटे छोटे कार्य को महत्व देकर करने से हमारे अंदर काफी improvement आता हैं और आलस्य भी दूर हो जाता है।

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